देशी गायों को पालने पर सरकार का बड़ा इनाम, 6 से 15 लीटर दूध देने वाले पशुओं पर मिलेंगे मोटे पेसे, देखिए A टू Z जानकारी

देशी गायों को पालने पर सरकार का बड़ा इनाम, 6 से 15 लीटर दूध देने वाले पशुओं पर मिलेंगे मोटे पेसे, देखिए A टू Z जानकारी
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देशी गायों को पालने पर सरकार का बड़ा इनाम, 6 से 15 लीटर दूध देने वाले पशुओं पर मिलेंगे मोटे पेसे, देखिए A टू Z जानकारी

खेत खजाना, Cow Subsidy: आप देशी गायों को पालने का काम करते हैं या करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत ही खुशखबरी है। क्योंकि सरकार ने देशी गायों से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना चलाई है, जिसके तहत आपको गायों को पालने पर अच्छी खासी सब्सिडी भी मिलेगी। इस योजना का नाम है देशी गौ संवर्धन योजना (2015–16)।

इस योजना के तहत आपको गायों को पालने पर निम्नलिखित प्रकार की सब्सिडी मिलेगी:

6 से 8 किलो दूध देने वाली हरियाणा गाय को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

8 से 10 किलो दूध देने वाली हरियाणा गाय को 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

10 किलो से ज़्यादा दूध देने वाली हरियाणा गाय को 20,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

10 से 12 किलो दूध देने वाली साहीवाल नस्ल की गायों को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

12 से 15 किलो दूध देने वाली साहीवाल नस्ल की गायों को 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

15 किलो से ज़्यादा दूध देने वाली साहीवाल नस्ल की गायों को 20,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो ‘हरियाणा’ और ‘साहिवाल’ नस्ल की गायों को पालते हैं। इसके अलावा, अन्य देशी नस्लों की गायों के पालन पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है, जैसे कि गिर, थारपारकर आदि।

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इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आपको अपने जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारी से संपर्क करना होगा। आपको एक आवेदन पत्र लिखकर अपनी जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, गायों की फोटो और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की प्रति संलग्न करना होगा। आपका आवेदन पत्र जिला स्तरीय समिति द्वारा मान्यता प्राप्त करने के बाद, आपको सब्सिडी की राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

इस योजना के तहत, आपको गायों के दूध की मात्रा को जिला स्तरीय समिति को सार्वजनिक रूप से बताना होगा। इस समिति में क्षेत्रीय पशु चिकित्सक, पंचायत या नगर पालिका प्रतिनिधि, पशुपालन विभाग के उप निदेशक या अनुविभागीय अधिकारी शामिल होंगे। आपको गायों का दूध सुबह और शाम दोनों समय उत्पादित करना होगा। पहला दूध नहीं बनाया जाएगा।

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