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Haryana News प्रदेश के तालाबों की सफाई और जल प्रबंधन पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अहम निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल-ऑडिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने 17 जनवरी को चंडीगढ़ में आयोजित एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को प्रदेश के सभी तालाबों की सफाई कराने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तालाबों का पानी पशुओं के पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके, इसके लिए पंचायतों और ग्रामीणों को मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि तालाबों में कचरा और घरों का गंदा पानी जाने से रोकने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।

जल-ऑडिट और व्यापक जल प्रबंधन के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल-ऑडिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “नदी जोड़ो परियोजना” का हवाला देते हुए राज्य में बहने वाली नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया। इससे भू-जल स्तर में सुधार होगा और बाढ़ से होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा।

500 गांवों में भू-जल रिचार्ज की योजना

मुख्यमंत्री ने गिरते हुए भू-जल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले चरण में 500 गांवों के भू-जल को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को यह कार्य तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “डार्क जोन” वाले इलाकों में अधिक से अधिक तालाब बनाए जाएं, ताकि बरसात के पानी को संग्रहित कर भू-जल स्तर में सुधार किया जा सके।

नहरों और नदियों के तटबंधों को मजबूत बनाने की योजना

मुख्यमंत्री ने राज्य की नहरों और नदियों के तटबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्य मनरेगा योजना के तहत कराया जा सकता है। तटबंध मजबूत होने से नहरों के टूटने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। साथ ही, पानी की चोरी रोकने के लिए टास्क फोर्स गठित करने का भी सुझाव दिया गया।

अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण किया जाए। इससे न केवल किनारों को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपनी बेटियों के हाथों पौधे लगवाएं ताकि इन पौधों से एक भावनात्मक जुड़ाव भी बने।

हांसी-बुटाना लिंक नहर का उपयोग

मुख्यमंत्री ने हांसी-बुटाना लिंक नहर को जल भंडारण के लिए इस्तेमाल करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस नहर को बेहतर तरीके से उपयोग में लाकर भू-जल संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है।

जल भराव वाले क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा

जल भराव की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने सोलर पंप का उपयोग करने और आसपास के क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल जल निकासी की समस्या हल होगी, बल्कि ग्रामीणों को एक अतिरिक्त आय का साधन भी मिलेगा।

पंचायतों की भूमिका अहम

मुख्यमंत्री ने पंचायतों से तालाबों की सफाई और देखरेख में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को तालाबों में कचरा डालने और गंदा पानी बहाने से रोकने के लिए पंचायतें जागरूकता अभियान चलाएं।

प्रधानमंत्री के विजन पर आधारित योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भू-जल स्तर को लेकर जो चिंता जताई है, उसके समाधान के लिए हरियाणा सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप जल संरक्षण के लिए सभी संभव उपाय किए जाएंगे।

समीक्षा बैठक में कई विभागों की भागीदारी

इस बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मछली पालन विभाग, लोक निर्माण विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण समेत कई विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

जल संरक्षण में जनभागीदारी जरूरी

मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण को एक सामाजिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि इसे सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि तालाब, नहर और नदियों को स्वच्छ रखना न केवल सरकार की, बल्कि जनता की भी जिम्मेदारी है।

हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण और प्रबंधन को लेकर जो कदम उठाए हैं, वे न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक हैं, बल्कि प्रदेश के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की यह पहल राज्य को जल संकट से बचाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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