यदि सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद इसमें दोष पाए जाते हैं तो इन्हें कैसे सुधारा जाता है?

ठेकेदारों के लिए दोष देयता का कानून: सड़क निर्माण परियोजनाओं में जानें क्या है आपके अधिकार और जिम्मेदारियां

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सड़क निर्माण परियोजनाओं में ठेकेदारों के लिए दोष देयता का कानून

सड़क निर्माण परियोजनाओं में ठेकेदारों को अपने काम की गुणवत्ता और स्थायित्व का ध्यान रखना होता है। यदि उनके द्वारा बनाई गई सड़क में कोई दोष पाया जाता है, तो उन्हें उसकी जिम्मेदारी लेनी होती है और उसका सुधार करना होता है। इसके लिए अनुबंध के प्रावधानों का पालन करना आवश्यक है।

अनुबंध के प्रावधान

अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार, ठेकेदार ऐसे किसी भी दोष के लिए उत्तरदायी है जो कि सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 5 वर्ष की अवधि तक पाया जाता है। दोष देयता को लागू करने के लिए, ठेकेदारों के बिल से प्रतिभूति राशि की कटौती की जाती है। उक्त अवधि के दौरान ठेकेदार को दोषों को ठीक करना होगा और यदि सुधार नहीं किया जाता है, तो परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) से यह अपेक्षित होता है कि यह दोष का सुधार करे और इससे संबंधित लागत की वसूली ठेकेदार के प्रतिभूति जमा से की जाए।

ठेकेदारों के अधिकार और जिम्मेदारियां

ठेकेदारों को अपने अधिकार और जिम्मेदारियों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए। वे अपने काम की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उचित सामग्री, तकनीक और कर्मचारी का उपयोग करें। वे अनुबंध के अनुसार समय पर काम पूरा करें और अपने बिल का भुगतान मांगें। वे दोष देयता के दौरान किसी भी दोष की सूचना दें और उसका सुधार करें। वे अपने प्रतिभूति जमा को सुरक्षित रखें और यदि कोई विवाद हो तो उसका निपटारा करें।

इस प्रकार, सड़क निर्माण परियोजनाओं में ठेकेदारों के लिए दोष देयता का कानून एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उन्हें अपने काम की गुणवत्ता और स्थायित्व को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है और उन्हें अपने अधिकार और जिम्मेदारियों का पालन करने के लिए मजबूर करता है।


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