Lal Dora : हरियाणा में लाल डोरा वालों को अब जल्द मिलेगा मालिकाना हक, इन लोगो को मिलेगा फायदा, जमीनी विवाद का होगा समाधान
Haryana to provide ownership rights to Lal Dora landholders, resolving land disputes. Learn more about the scheme and its benefits.
क्या है लाल डोरा Lal Dora?
लाल डोरा उस भूमि को कहा जाता है जो गांव की आबादी के लिए निर्धारित होती है और इसे कृषि योग्य भूमि से अलग माना जाता है। इस भूमि पर निर्माण और स्वामित्व को लेकर अक्सर विवाद उत्पन्न होते हैं, क्योंकि यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में सही तरीके से दर्ज नहीं होती है।
स्वामित्व योजना का लाभ
हरियाणा में 1441 भू-स्वामियों को स्वामित्व योजना का लाभ मिल रहा है। नगर निगम की टीम ने सातरोड में दो दिवसीय शिविर भी लगाया था, जिसमें 56 से अधिक आपत्तियां मिली थीं। विरोध करने वालों को नगर निगम में बुलाया गया था ताकि उनकी शिकायतों का समाधान किया जा सके।
भू-स्वामियों की शिकायतों की सुनवाई
यहाँ, उप-निगम आयुक्त (डीएमसी) वीरेंद्र सहारण ने नगर निगम सभागार में आपत्ति दर्ज करवाने वालों की शिकायतें सुनीं। आपत्तियों को सुना जाता रहेगा और इसके लिए उन्हें निगम से एक निश्चित अवधि दी जाएगी।
लाल डोरा Lal Dora योजना का उद्देश्य
लाल डोरा योजना का उद्देश्य उन भू-स्वामियों को मालिकाना हक दिलाना है जो लंबे समय से इस जमीन पर काबिज हैं। सरकार उन भू-मालिकों को एक निश्चित रकम देकर उन्हें लाल डोरा के भू-मालिक, यानि संपत्ति का प्रमाण-पत्र, देगी। इससे जमीनी विवाद खत्म होंगे और स्वामित्व की स्पष्टता आएगी।
प्रमुख कदम:
- शिविर का आयोजन: नगर निगम ने सातरोड में दो दिवसीय शिविर आयोजित किया था।
- आपत्तियों का निवारण: उप-निगम आयुक्त ने भू-स्वामियों की शिकायतें सुनीं।
- स्वामित्व प्रमाण-पत्र: लाल डोरे के भू-स्वामियों को स्वामित्व प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे।
- लंबित फाइलों का समाधान: सरकार ने लंबित फाइलों को सिरे चढ़ाने का आदेश दिया।
महत्वपूर्ण बातें:
पहलू | विवरण |
---|---|
लाल डोरा | गांव की आबादी के लिए निर्धारित भूमि |
स्वामित्व योजना | भू-स्वामियों को मालिकाना हक देने की योजना |
संख्या | 1441 भू-स्वामी |
शिविर | सातरोड में दो दिवसीय शिविर |