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उत्तर प्रदेश के दो गांवों की भूमि होगी अधिग्रहीत, गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा औद्योगिक गलियारा

उत्तर प्रदेश के दो गांवों की भूमि होगी अधिग्रहीत, गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा औद्योगिक गलियारा
शासन को भेजी गई प्रस्तावित फाइल, जल्द मिल सकती है स्वीकृति

खेत खजाना : 10 अगस्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे एक बड़े औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए दो गांवों की भूमि अधिग्रहण करने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर गांवों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। प्रशासन ने इस संबंध में आवश्यक दस्तावेज तैयार करके शासन को भेज दिए हैं, और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

औद्योगिक गलियारा
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जा रहे इस औद्योगिक गलियारे को उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब तक, परियोजना के अंतर्गत दो गांवों की 94% भूमि का अधिग्रहण पहले ही पूरा हो चुका है। इसके तहत, खिरनी मोहिद्दीनपुर गांव के पास खिरनी और बसला गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

संभल तहसील के खिरनी मोहिद्दीनपुर गांव के पास, अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर गांवों की लगभग 236.274 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। इनमें से खिरनी मोइनुद्दीनपुर और बसला गांव की 127.5336 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पहले ही हो चुका है, जिसमें 7.0223 हेक्टेयर भूमि ग्राम सभा की और 120.3106 हेक्टेयर निजी भूमि है।

शेष भूमि का अधिग्रहण 
जिला भूमि क्रय समिति की बैठक में अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर गांव की शेष भूमि के अधिग्रहण के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, इन गांवों में कुछ परिसंपत्तियों का मूल्यांकन न होने के कारण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हुई थी। अब प्रशासन ने इस देरी को दूर करने के लिए तेजी से कार्यवाही शुरू कर दी है।

गांव कुल चिन्हित भूमि निजी भूमि ग्राम सभा की भूमि
अमावती कुतुबपुर 80.9834 हेक्टेयर 73.9496 हेक्टेयर 7.0140 हेक्टेयर
सारंगपुर 27.7570 हेक्टेयर 26.6401 हेक्टेयर 8.1300 हेक्टेयर

शासन को भेजी गई फाइल, जल्द मिलेगी स्वीकृति
अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर गांवों की शेष भूमि के अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित फाइल को शासन को भेज दिया गया है। अनुमति मिलने के साथ ही इन गांवों में परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करके भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। एडीएम संभल प्रदीप वर्मा ने बताया कि अनुमोदन मिलने के बाद जल्द ही बैनामा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

औद्योगिक गलियारे से होगा क्षेत्र का विकास
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जा रहे इस औद्योगिक गलियारे से न केवल इस क्षेत्र का औद्योगिक विकास होगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। इसके अलावा, इस परियोजना के जरिए क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख गांवों की भूमि का अधिग्रहण जल्द ही औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए किया जाएगा। इस परियोजना से क्षेत्र में तेजी से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रशासनिक प्रक्रियाओं के पूरा होने के साथ, यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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