पटना में लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए 108 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण,रोजगार के अवसरों में वृद्धि

पटना में लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए 108 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण,रोजगार के अवसरों में वृद्धि
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पटना में लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण

फतुहा अंचल के जैतिया गांव में पटना जिले में एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण करने के लिए 108 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस लेख में हम आपको इस पार्क के निर्माण की प्रक्रिया, जमीन के अधिग्रहण के बारे में जानकारी और दावा-आपत्ति करने के अधिकार के बारे में बताएंगे।

पटना में लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण:

फतुहा अंचल के जैतिया गांव में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए 108 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। इस पार्क के निर्माण से एक व्यापारिक और लोजिस्टिक बाजार का विकास होगा। इसके साथ ही, नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे। यह पार्क एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक सेंटर के रूप में काम करेगा और विभिन्न परिवहन मोड के बीच संयुक्त लोजिस्टिक सेवाएं प्रदान करेगा।

जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया:

जमीन के अधिग्रहण को लेकर फतुहा अंचल के प्लॉट का एरिया, रकबा, रैयतों का नाम आदि की विवरणी शीघ्र ही प्रकाशित की जाएगी। जिला प्रशासन ने भूमि सुधार और राजस्व विभाग को संबंधित जमीन के अधिग्रहण के लिए श्रेणी-11 के तहत विवरण प्रेषित किया है।

दावा-आपत्ति करने का अधिकार 60 दिनों तक:

जमीन के अधिग्रहण के बाद संबंधित जमीन के विवरणों का प्रकाशन हो रहा है। इसके बाद लोगों को 60 दिनों की अवधि दी जाएगी ताकि वे दावा-आपत्ति कर सकें। दावा-आपत्ति की सुनवाई के बाद संबंधित प्राधिकारी द्वारा तैयार किए गए आदेश में घोषणा की जाएगी। इसके बाद जमीन के मूल्य का आकलन किया जाएगा।

रोजगार के अवसरों में वृद्धि:

इस लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण से न केवल पटना में बाजार का विकास होगा, बल्कि यह रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि लाएगा। लॉजिस्टिक क्षेत्र में नए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, इस पार्क की कनेक्टिविटी का विस्तार होगा और एक व्यापारिक हब के रूप में भी विकसित होगा। इससे बिहार के लोगों को बहुतायत से लाभ प्राप्त होगा।

संक्षेप में:

पटना में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए 108 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इस पार्क के निर्माण से बाजार का विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस परियोजना में कुल लागत के लगभग 168 करोड़ रुपये होने की आशंका है, जिसमें से 50 प्रतिशत खर्च नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। यह पार्क बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड और रेल विकास निगम के सहयोग से निर्मित होगा।

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