MP Global Investors Summit 2025: पीएम मोदी ने भोपाल से खोला नौकरियों और ग्रोथ का खजाना, टेक्सटाइल-टूरिज्म पर जोर
MP Global Investors Summit 2025: PM Modi opens treasure trove of jobs and growth from Bhopal, emphasis on textile-tourism

MP Global Investors Summit 2025: पीएम मोदी ने भोपाल से खोला नौकरियों और ग्रोथ का खजाना, टेक्सटाइल-टूरिज्म पर जोर
खेत खजाना : नई दिल्ली, 24 फरवरी, आज भोपाल में कुछ बड़ा हुआ है, दोस्तों! MP Global Investors Summit 2025 की धमाकेदार शुरुआत हो चुकी है, और इसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई। ये समिट सिर्फ बिजनेस और इन्वेस्टमेंट की बात नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश को ग्रोथ का नया सेंटर बनाने का प्लान है। पीएम ने अपने स्टाइल में सबको चौंका दिया और कहा कि textile, tourism और technology सेक्टर में आने वाले दिनों में करोड़ों नौकरियां पैदा होंगी। ये खबर उन लाखों लोगों के लिए बड़ी है, जो जॉब्स और बेहतर फ्यूचर की तलाश में हैं। भोपाल का ये इवेंट गूगल सर्च में ट्रेंड कर रहा है, और हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इसमें ऐसा क्या खास है।
पीएम मोदी ने उद्घाटन के दौरान माफी मांगकर सबका दिल जीत लिया। उन्होंने बताया कि 10वीं-12वीं के बच्चों की बोर्ड परीक्षा की वजह से वो थोड़ा लेट हुए, ताकि स्टूडेंट्स को ट्रैफिक की दिक्कत न हो। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश की तारीफों के पुल बांध दिए। उनका कहना था कि जिस एमपी में कभी सड़कें इतनी खराब थीं कि बसें तक नहीं चल पाती थीं, वो आज electric vehicle revolution में देश के टॉप स्टेट्स में शुमार हो रहा है। जनवरी 2025 तक यहां 2 लाख ईवी रजिस्टर्ड हो चुके हैं। MP Global Investors Summit में ये बात साफ हो गई कि मध्य प्रदेश अब सिर्फ खेती या टूरिज्म का गढ़ नहीं, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी का हब बनने की राह पर है।
अब थोड़ा पीछे चलते हैं और देखते हैं कि मध्य प्रदेश ने ये मुकाम कैसे हासिल किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में पिछले दो दशकों की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब एमपी में बिजनेस करने से लोग डरते थे, सड़कें खराब थीं, इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर था, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। आज मध्य प्रदेश का रोड नेटवर्क 5 लाख किलोमीटर से ज्यादा का हो चुका है। रेलवे को मॉडर्न बनाने का काम जोरों पर है—भोपाल का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तो ऐसा है कि देखते ही मन मोह लेता है। इसके अलावा 80 स्टेशनों को अमृत भारत स्कीम के तहत अपग्रेड किया जा रहा है। MP Global Investors Summit में ये सारी बातें सामने आईं, जो दिखाती हैं कि एमपी अब बड़े खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।
और सिर्फ ट्रांसपोर्ट ही नहीं, एनर्जी सेक्टर में भी एमपी ने कमाल कर दिखाया है। पीएम ने बताया कि बीते दशक में भारत ने ग्रीन एनर्जी में वो कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मध्य प्रदेश इसमें बड़ा रोल निभा रहा है। आज ये स्टेट पावर सरप्लस है, और इसका 31,000 मेगावाट का बिजली उत्पादन का 30% हिस्सा क्लीन एनर्जी से आता है। MP Global Investors Summit 2025 में पीएम ने एक और बड़ी बात कही—बीना रिफाइनरी पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स में 50 हजार करोड़ का निवेश किया गया है। ये प्रोजेक्ट एमपी को पेट्रोकेमिकल हब बनाएगा, जिससे न सिर्फ इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा, बल्कि ढेरों जॉब्स भी क्रिएट होंगे।
अब आते हैं पीएम के उस विजन पर, जो हर किसी के लिए सबसे बड़ी हाइलाइट रहा। उन्होंने कहा कि भारत के डिवेलप्ड फ्यूचर में तीन सेक्टर्स—टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी—गेम चेंजर साबित होंगे। टेक्सटाइल की बात करें तो एमपी पहले से ही भारत का कॉटन कैपिटल है। देश का 25% ऑर्गेनिक कॉटन यहीं से आता है। चंदेरी और महेश्वरी साड़ियां तो दुनिया भर में फेमस हैं। पीएम मित्र योजना के तहत यहां एक बड़ा टेक्सटाइल पार्क भी बन रहा है। MP Global Investors Summit में ये साफ हुआ कि टेक्सटाइल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट और जॉब्स की भरमार आने वाली है।
टूरिज्म की बात करें तो मध्य प्रदेश का कोई जवाब नहीं। पीएम ने कहा कि नर्मदा नदी के आसपास और ट्राइबल इलाकों में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है। उज्जैन का महाकाल लोक हो या फिर ओरछा और भोजपुर के ऐतिहासिक स्थल, ये सब टूरिस्ट्स को अपनी ओर खींच रहे हैं। और टेक्नोलॉजी? वो तो आज की जरूरत है। ईवी से लेकर सेमीकंडक्टर तक, एमपी हर नए सेक्टर में छाप छोड़ रहा है। पीएम ने कहा कि इन तीनों सेक्टर्स से करोड़ों नई नौकरियां आएंगी, जो खासकर युवाओं के लिए बड़ी खबर है।
पानी की बात भी पीएम ने छेड़ी, जो खेती और इंडस्ट्री दोनों के लिए बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि वाटर सिक्योरिटी के लिए सरकार दोहरी रणनीति पर काम कर रही है—एक तरफ वाटर कंजर्वेशन, दूसरी तरफ रिवर लिंकिंग। MP Global Investors Summit में केन-बेतवा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट का जिक्र हुआ, जिसकी कीमत 45 हजार करोड़ रुपये है। ये प्रोजेक्ट 10 लाख हेक्टेयर खेतों की सिंचाई को बूस्ट देगा। इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल जैसे सेक्टर्स में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।
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