बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को मिलेगा बंपर वेतन, जानें कितना हुआ इजाफा

बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को मिलने वाला पारिश्रमिक अब बढ़कर 30 लाख रुपये प्रति वर्ष हो गया है. इससे पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी. आरबीआई ने इसे बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि बैंकों को अपने बोर्ड में अच्छी प्रतिभाओं को आकर्षित करने में आसानी हो. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह निर्देश कौन-कौन से बैंकों पर लागू होंगे, और इसके पीछे क्या कारण है.

बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को मिलेगा बंपर वेतन, जानें कितना हुआ इजाफा
X

बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स कौन होते हैं?

बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स वे होते हैं, जो बैंक के बोर्ड में शामिल होते हैं, लेकिन बैंक के दैनिक कार्यकारी कामों में शामिल नहीं होते हैं. वे बैंक के बोर्ड के साथ-साथ विभिन्न समितियों में भी काम करते हैं, जैसे ऑडिट समिति, नियुक्ति समिति, निगरानी समिति आदि. वे बैंक के कॉर्पोरेट गवर्नेंस, नियमों का पालन, जोखिम प्रबंधन, आंतरिक नियंत्रण और लाभांश वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

किन बैंकों पर लागू होंगे ये निर्देश?

आरबीआई ने बताया है कि ये निर्देश छोटे वित्त बैंकों (एसएफबी) और भुगतान बैंकों (पीबी) सहित सभी निजी क्षेत्र के बैंकों पर लागू होंगे. इसके अलावा, विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनियों पर भी ये निर्देश लागू होंगे. ये निर्देश तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए हैं.

कैसे तय होगा पारिश्रमिक?

बैंकों को अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को देने वाला पारिश्रमिक अपने निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ तय करना होगा. बैंक का निदेशक मंडल बैंक के आकार, गैर-कार्यकारी निदेशक के अनुभव और अन्य प्रासंगिक कारकों के आधार पर 30 लाख रुपये प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा के भीतर राशि तय कर सकता है.

बैंकों को अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के पारिश्रमिक के बारे में अपने वार्षिक वित्तीय बयान में खुलासा करना होगा. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को पार्ट-टाइम चेयरमैन के पारिश्रमिक के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी होगी. अगर किसी मौजूदा नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पारिश्रमिक में कोई बदलाव किया जाता है, तो उसके लिए भी बोर्ड की मंजूरी जरूरी होगी.

इसके पीछे क्या कारण है?

आरबीआई ने इसे बढ़ाने का कारण यह बताया है कि बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. वे बैंकों के बोर्ड और विभिन्न समितियों के कुशल कामकाज में


Tags:
Next Story
Share it