अब हरियाणा में सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण नहीं रहेगा, अनाधिकृत अतिक्रमण हटाने को सरकार तैयार कर रही तंत्र, अगली पेशी पर कोर्ट में देगी जानकारी

अब हरियाणा में सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण नहीं रहेगा, अनाधिकृत अतिक्रमण हटाने को सरकार तैयार कर रही तंत्र, अगली पेशी पर कोर्ट में देगी जानकारी
X

चंडीगढ़ : अब हरियाणा में सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण नहीं रहेगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने हाई कोर्ट में पेश होकर कहा कि सरकार राज्य में एक ऐसा तंत्र अपनाने जा रही है, जिससे सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित मामलों का शीघ्र निपटारा हो सकेगा। सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि मामले की अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी जाएगी कि कितनी सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया और उसका आम जनता के कल्याण के लिए कैसे प्रयोग होगा।

हाई कोर्ट में पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में नगरपालिका क्षेत्रों में कुल 4360 एकड़ भूमि पर अनाधिकृत अतिक्रमण है। हाई कोर्ट में दिए गए एक हलफनामे के अनुसार गुरुग्राम के सोहना क्षेत्र में 1896.55 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। पंचकूला की एमसी सीमा के भीतर कालका में 486 एकड़ क्षेत्र, झज्जर के बेरी में 145.75 एकड़, पिहोवा में 243.48 एकड़ भूमि, शाहाबाद में 622.5 एकड़ भूमि और थानेसर जिला कुरुक्षेत्र में 149.9 एकड़ भूमि अवैध अतिक्रमण के अधीन है।

भिवानी के बवानीखेड़ा में करीब 230 एकड़ जमीन पर कब्जा है और उसे हटाने के मामले कथित तौर पर 2016 से लंबित हैं। अंबाला शहर में 24.62 एकड़ और अंबाला सदर में 90.6 एकड़ जमीन पर कब्जा है। अंबाला सदर में 115 एकड़ से अधिक भूमि अतिक्रमण के अधीन है और अभी तक मुद्दों को देखने वाले अधिकारी को पिछले कुछ वर्षों से तैनात नहीं किया गया है। पिछली एक सुनवाई पर हाई कोर्ट ने वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट की प्रति मुख्य सचिव हरियाणा को भेजने व उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आदेश दिया था, जिनके कारण यह अतिक्रमण हुआ है या वे इस अतिक्रमण को हटाने में विफल रहे हैं।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को भी यह आदेश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक संपत्ति को अतिक्रमण से बचाने के साथ-साथ अतिक्रमण हटाने के लिए समय पर कार्रवाई हो। हाई कोर्ट ने हरियाणा में अतिक्रमण की गई नगरपालिका की संपत्ति भूमि के कुल क्षेत्रफल के संबंध में विवरण मांगा था। एमसी की भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट रखते हुए सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया था कि निगम क्षेत्र में संयुक्त आयुक्त को जमीन खाली कराने का अधिकार है।

दिलचस्प बात यह है कि हाईकोर्ट को सूचित किया गया था कि अंबाला शहर में संयुक्त आयुक्त का केवल एक स्वीकृत पद है और उक्त पद चार जनवरी 2020 से तीन साल से अधिक समय से खाली पड़ा है। इसी प्रकार पंचकूला में संयुक्त आयुक्त के दो स्वीकृत पद हैं। 13 फरवरी 2022 से एक पद रिक्त है। राज्य में नपा भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित एक याचिका के मद्देनजर यह मामला हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।

Tags:
Next Story
Share it