अब स्वयं सहायता समूह की महिलाएं लेंगी पानी के सैंपल, रोज 15 सैंपल का टारगेट

पहले चरण में शहर के वार्डों से लिए जाएंगे सैंपल, अवैध कनेक्शनों व लीकेज का भी पता लगाएंगी

अब स्वयं सहायता समूह की महिलाएं लेंगी पानी के सैंपल, रोज 15 सैंपल का टारगेट
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खेत खजाना : अब स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जनस्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर लोगों को बेहतर पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कमान संभालेंगी। शहरी अमृत योजना के तहत शहर में पानी की गुणवत्ता जांच के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं सैंपल लेंगी।

इसके अलावा पानी के लीकेज व अवैध कनेक्शनों की जानकारी भी जनस्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई जाएंगी। यह कार्य अगले सप्ताह से शुरू होगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का अगले साल 28 फरवरी 2025 तक जनस्वास्थ्य विभाग के साथ अनुबंध रहेगा। सेल्फ हेल्प ग्रुप की सदस्याएं पहले चरण में शहर के वार्डों से सैंपल एकत्रित करेंगी।

जिन्हें जन स्वास्थ्य विभाग की लैब में दिया जाएगा। वहीं लीकेज के सैंपल भी लिए जाएंगे। जिन्हें जेई को दिए जाएंगे। जहां भी लीकेज की शिकायत होगी, वहां लीकेज ठीक की जा सकेगी।

मां कृपा सेल्फ हेल्प ग्रुप का किया चयन

सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को पानी की गुणवत्ता जांच के लिए एक दिन में 15 सैंपल, लीकेज व अवैध कनेक्शनों की जानकारी एकत्र करनी होगी। वहीं महीने में पानी की गुणवत्ता जांच के लिए 330 सैंपल, पानी लीकेज व अवैध कनेक्शनों का 110-110 टारगेट निर्धारित किया गया है। जनस्वास्थ्य विभाग के पास अभी तक तीन स्वयं सहायता समूह ने योजना के तहत आवेदन जमा करवाए हैं। जिसमें जनस्वास्थ्य विभाग ने मां कृपा सेल्फ हेल्प ग्रुप का चयन किया है।

इसके अलावा पानी के सैंपल के 90 रुपए, लीकेज के 40 व अवैध कनेक्शन के 40 रुपए दिए जाएंगे।

अवैध कनेक्शनों को वैध करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी

बता दें कि कई बार लोगों को शिकायत रहती है कि उनके वहां पीने का पानी खराब है या फिर लीकेज की दिक्कत है। कर्मचारियों की कमी के चलते जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी समय रहते लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करवा पाते। ऐसे में अब जनस्वास्थ्य विभाग स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ मिलकर पानी के सैंपल लिए ए जाएंगे जाएंगे। महिलाएं अवैध कनेक्शनों के बारे में जानकारी जुटाएंगी। ताकि उन्हें वैध करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा सके।

लोगों को बेहतर पेयजल सुविधाएं देने के लिए जन स्वास्थ्य

अभियांत्रिकी विभाग द्वारा स्वयं

सहायता समूह की महिलाओं की सहायता ली जाएगी, जो घर-घर जाकर लोगों के पानी के सैंपल लेंगी। लीकेज के बारे में पता लगाया जाएगा, ताकि उसे ठीक किया जा सके। वहीं जहां अवैध कनेक्शन हैं, उनका डेटा एकत्र कर उन्हें वैध करवाया जाएगा।" राकेश सोलगलान, जिला सलाहकार, जनस्वास्थ्य विभाग सिरसा।

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