PM Vishwakarma Yojana: कल्याणकारी लोन पर 5% ब्याज सब्सिडी, कारीगरों के लिए आवासीय योजना

इस योजना के तहत, सरकार लोन लेने वाले कारीगरों को ब्याज पर 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।

PM Vishwakarma Yojana: कल्याणकारी लोन पर 5% ब्याज सब्सिडी, कारीगरों के लिए आवासीय योजना
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पीएम विश्वकर्मा योजना का आगाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना का आगाज किया है - 'पीएम विश्वकर्मा योजना'. इस योजना के अंतर्गत, कारीगरों को आसानी से लोन प्राप्त करने और उनकी सीख कौशल में सुधार करने का मौका मिलेगा। इस योजना के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए यह लेख पढ़ें।

सब्सिडी पर लोन का लाभ

इस योजना के तहत, सरकार लोन लेने वाले कारीगरों को ब्याज पर 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कारीगरों को उनके ऋण के लिए और ज्यादा आत्मविश्वास प्रदान करेगा और उन्हें अपने कौशल को और भी मजबूत करने का मौका देगा।

लोन की विशेषताएं

इस योजना के अंतर्गत, कारीगरों को सरकार द्वारा बिना कुछ गिरवी रखे 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त होगा। शुरुआत में, इस योजना में एक लाख रुपया का कर्ज दिया जाएगा और जैसे ही लाभार्थी की ओर से इस लोन का पुनर्भुगतान कर दिया जाएगा, तो उसे अतिरिक्त दो लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।

किस किसको मिलेगा योजना का लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ विभिन्न कला और शिल्पकला क्षेत्रों में काम करने वाले कारीगरों को मिलेगा। इसमें सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, पत्थर की मूर्ति बनाने वाले, नाई, और नाव बनाने वाले सहित 18 गतिविधियां शामिल हैं।

योजना में अतिरिक्त लाभ

इस स्कीम में वित्तीय सहायता के साथ-साथ, कारीगरों को एडवांस स्किल ट्रेनिंग, आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का ज्ञान, डिजिटल पेमेंट, वैश्विक और घरेलू बाजार से जुड़ने और अपने व्यवसाय को प्रमोट करने के लिए सहायक उपायों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

ट्रेनिंग और इंसेंटिव्स

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों को 5 दिनों की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, जिसके दौरान उन्हें प्रति दिन 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही, एक टूलकिट इंसेंटिव के रूप में 15,000 रुपये की ग्रांट भी प्रदान की जाएगी। वहीं, डिजिटल लेनदेन को प्रमोट करने के लिए एक रुपये प्रति लेनदेन तक का इंसेंटिव 100 लेनदेन तक दिया जाएगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य लाभ

लाभ विवरण

ब्याज सब्सिडी 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर लोन

लोन की राशि 3 लाख रुपये तक का ऋण बिना कुछ गिरवी के

किस को मिलेगा योजना का लाभ सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, पत्थर की मूर्ति बनाने वाले, नाई, और नाव बनाने वाले इत्यादि

वित्तीय सहायता और ट्रेनिंग एडवांस स्किल ट्रेनिंग, डिजिटल टेक्नोलॉजी का ज्ञान, डिजिटल पेमेंट, वैश्विक और घरेलू बाजार से जुड़ने

टूलकिट इंसेंटिव 15,000 रुपये की ग्रांट

डिजिटल लेनदेन का इंसेंटिव 100 लेनदेन तक एक रुपये प्रति लेनदेन

सारांश

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें उनके कौशल को सुधारने का मौका भी मिल रहा है। यह योजना उन सभी कारीगरों के लिए एक अद्वितीय अवसर है जो अपने व्यवसाय को नए ऊंचाइयों तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके माध्यम से, भारत सरकार ने कला क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया है और उनकी सेवाओं का मूल्यांकन किया है।

इस योजना के तहत कारीगरों को आर्थिक आवश्यकताओं का समर्थन मिलेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकेंगे और नए कौशल सीख सकेंगे। यह योजना कला और शिल्पकला क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों के लिए एक सशक्तिकरण का माध्यम है और उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसर करने में मदद करेगा।

ध्यान दें

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोन प्राप्त करने और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, आवेदकों को योजना की विवरणों और प्रक्रिया को ध्यान से पढ़ना चाहिए। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली यह सहायता वास्तव में कला क्षेत्र को उन्नति दिलाने में मदद कर सकती है, लेकिन इसके लिए आवेदकों की सही जानकारी और समझ आवश्यक है।

संपर्क करें

यदि आपको पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहिए या आवेदन करने में सहायता चाहिए, तो आप अपने स्थानीय सरकारी निकाय से संपर्क कर सकते हैं। वे आपको सभी आवश्यक जानकारी और मदद प्रदान करेंगे ताकि आप इस योजना का लाभ उठा सकें।

अंत में

पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से, सरकार ने कला क्षेत्र के कारीगरों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया है और उन्हें संवृद्धि की ओर बढ़ने का मौका दिया है। यह एक सशक्तिकरण की प्रक्रिया है जो उन्हें उनके कौशल को बेहतर बनाने और उनके व्यवसाय को सुधारने का मौका प्रदान कर रही है। इसके माध्यम से, कला क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों का सामृद्धिक विकास होगा, जिससे हमारे समाज को और भी रंगीन बनाने का मौका मिलेगा।

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