हरियाणा प्रदेश में होगी प्री स्कूल शिक्षिकाओं की भर्ती, 12 वी पास महिला कर सकती है आवेदन, 20 दिसंबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू

हरियाणा प्रदेश में होगी प्री स्कूल शिक्षिकाओं की भर्ती, 12 वी पास महिला कर सकती है आवेदन, 20 दिसंबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू
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रोजगार महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार कार्यालय व नेशनल एम्पलायमेंट एक्सचेंज द्वारा हरियाणा की बेरोजगार महिलाओं को रोजगार देने की योजना

नेशनल एम्पलायमेंट एक्सचेंज के निदेशक एनके शर्मा ने दी जानकारी

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्री स्कूल एवं नर्सरी के माध्यम से दी जाएगी गुणवत्ता आधारित शिक्षा

केवल महिलाओं को मिलेगा प्री स्कूल में सेवाएं देने का अवसर

18 से 40 आयु वर्ग की 12 वी पास महिला कर सकती है आवेदन

अभ्यार्थी के लिए केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थान से अर्ली चाइलड केयर एजुकेशन ईसीसीई से प्रमाण पत्र की योग्यता जरूरी

निर्धारित तिथि पर आनलाइन किया जा सकता है आवेदन

कलायत स्थित नेहा ब्यूटी एकेडमी में महिला रोजगार व स्वरोजगार को लेकर चर्चा

Nursery Admission Age 2023-24: नर्सरी में एडमिशन के लिए कितनी होनी चाहिए बच्चे की उम्र, जानिए

Nursery Admission Age: अगर आप अपने बच्चे का एडमिशन नर्सरी में कराना चाहते हैं तो आप सोच रहे होंगे कि आपके बच्चे की उम्र कितनी होनी चाहिए? ऐसे में आपको बता दें कि नर्सरी में एडमिशन के लिए बच्चों की उम्र 3 वर्ष केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित की गई है। नई शिक्षा नीति 2020 में 3 से 8 साल तक बच्चों को सीखने के बुनियादी चरण में पांच वर्ष शामिल किया गया है। 3 साल से लेकर 6 साल तक की उम्र तक प्री स्कूलिंग यानि कि प्ले ग्रुप, नर्सरी और केजी की कक्षाएं शामिल हैं। ऐसे में आप 3 साल की उम्र में अपने बच्चे का एडमिशन नर्सरी में करा सकते हैं।

6 साल की उम्र में कक्षा एक में करा सकते हैं प्रवेश

अगर आपके बच्चे ने नर्सरी की पढ़ाई कर ली है, तो आप उसे 6 वर्ष की उम्र में कक्षा एक में प्रवेश दिला सकते हैं। इससे कम उम्र में बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसको लेकर बीते दिनों केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश भी जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि कोई भी राज्य कक्षा एक में 6 साल से कम उम्र में एडमिशन न दें।

कई राज्य 5 साल में ही देते थे कक्षा एक में प्रवेश

देश के कई राज्यों में 5 वर्ष की उम्र में ही कक्षा पहली में प्रवेश दे दिया जाता था। जानकरों और शिक्षाविदों की मानें तो कम उम्र में कक्षा एक में एडमिशन के चलते बच्चों पर दबाव ज्यादा होता था, जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी। इसके चलते वे अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर पाते थे। वहीं, इस उम्र में एडमिशन लेने वाले बच्चों का प्रदर्शन भी आगे की कक्षाओं में 6 साल में प्रवेश लेने वाले बच्चों से कम होता था। इसके अलावा इस नियम के लागू होने से सभी राज्यों में एक ही आयु में बच्चों को एडमिशन मिलेगा। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में एडमिशन के लिए 6 वर्ष की उम्र निर्धारित की है। हालांकि, देश में कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां पर बच्चों को कक्षा पहली में 6 वर्ष की उम्र में ही प्रवेश दिया जाता है।

आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों के लिए प्राथमिक चरण में सीखने के लिए 8 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। इसमें 6 साल की उम्र तक स्कूलिंग यानि कि नर्सरी, प्ले ग्रुप और केजी की कक्षाएं शामिल हैं। वहीं, 6 साल की उम्र में कक्षा एक और सात साल की उम्र में कक्षा दो में प्रवेश का प्रावधान है। वहीं, अगर कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो उसे 8 वर्ष की उम्र में भी कक्षा दूसरी में पढ़ाया जा सकता है।

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