16 जनवरी से शुरू होगा पंजीयन, पहले दिन चित्रकूट धाम, वाराणसी और प्रयागराज के किसानों को लाभ
इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश में डीजल पंपसेट को खत्म करके सोलर पंप को बढ़ाया जा रहा है। इससे न केवल किसानों को बेहतर और सस्ती से ऊर्जा मिलेगी,
खेत खजाना प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान, जिसे हम पीएम कुसुम कहते हैं, के तहत 16 जनवरी से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी। इस महाभियान के अंतर्गत पहले दिन चित्रकूट धाम, वाराणसी और प्रयागराज के किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका मकसद किसानों को सौर ऊर्जा से जुड़ी सुविधाओं के लिए समर्थन प्रदान करना है।
इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश में डीजल पंपसेट को खत्म करके सोलर पंप को बढ़ाया जा रहा है। इससे न केवल किसानों को बेहतर और सस्ती से ऊर्जा मिलेगी, बल्कि यह भी वातावरण को बचाने में मदद करेगा। प्रदेश के अनुग्रहित क्षेत्रों में इस योजना का प्रारंभ किया जा रहा है और किसानों को इसमें पंजीकृत करने का मौका मिल रहा है।
इस योजना के तहत लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है और पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर योजना का लाभ मिलेगा। डीजल पंप के बजाय सोलर पंप का उपयोग करने वाले किसानों को बिजली के कनेक्शन में बदलाव के लिए एक नया मॉडल प्रदान किया जा रहा है।
पीएम कुसुम योजना में पंजीयन की प्रक्रिया
किसानों को इस योजना में पंजीयन करवाने के लिए वे कृषि विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके लिए किसान को पांच हजार रुपया टोकन मनी जमा करना होगा। योजना में करीब 60 फीसदी केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर अनुदान देंगे, जबकि बाकी 40 फीसदी को किसानों को जमा करना होगा। किसान चाहें तो वे लोन लेकर भी इस योजना के तहत कृषक अंश जमा कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत डीजल पंप का उपयोग करने वाले किसानों के बिजली के कनेक्शन को काट दिया जाएगा ताकि सोलर पंप का अधिक उपयोग हो सके।
ऊर्जा सुरक्षा के लिए अन्य उपाय
यहां बताया गया है कि इस योजना के अलावा भी किसान अन्य ऊर्जा सुरक्षा के उपायों का उपयोग कर सकते हैं। उन्हें अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी ताकि वे अपने क्षेत्र में ऊर्जा के संबंध में सबसे बेहतर फैसला कर सकें।
कब से होगा पंजीयन?
- 16 जनवरी से: चित्रकूट धाम, वाराणसी और प्रयागराज मंडल
- 17 जनवरी से: बरेली, कानपुर, मिर्जापुर, बस्ती मंडल
- 18 जनवरी से: मेरठ, लखनऊ, अयोध्या मंडल
- 19 जनवरी से: सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा एवं अलीगढ़ मंडल
- 20 जनवरी से: झांसी, गोरखपुर, आजमगढ़ और देवीपाटन मंडल
इस परियोजना के माध्यम से, प्रदेश में सौर ऊर्जा के संप्रेषण को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को बेहतर और सस्ती से ऊर्जा का समर्थन होगा। यह एक प्रगति कदम है जो न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार करेगा, बल्कि ऊर्जा संबंधित समस्याओं का समाधान करने में भी मदद करेगा।