धान की खेती में क्रांति: डीएसआर तकनीक से कम पानी में ज्यादा उपज

धान की खेती में एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने से किसानों को कई फायदे हो सकते हैं। इस तकनीक का नाम है डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR)। इस तकनीक में धान के बीज को सीधे खेत में बुआई जाती है, बिना किसी नर्सरी या रोपाई के।

धान की खेती में क्रांति: डीएसआर तकनीक से कम पानी में ज्यादा उपज
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इससे किसानों को बीज, श्रम, उर्वरक, कीटनाशक और पानी की बचत होती है। इसके अलावा, इस तकनीक से धान की उपज भी बढ़ती है।

डायरेक्ट सीडेड राइस क्या है?

डायरेक्ट सीडेड राइस एक ऐसी तकनीक है, जिसमें धान के बीज को खेत में ड्रिलर, ब्रॉडकास्टर या ट्रांसप्लांटर की मदद से बुआई जाती है। इसमें धान की नर्सरी नहीं लगाई जाती है और न ही धान की पौधे को एक जगह से दूसरी जगह रोपाई की जाती है। इससे धान की खेती में जो श्रम और समय लगता है, वह कम हो जाता है। इसके साथ ही, इस तकनीक में धान की खेती में पानी की आवश्यकता भी कम होती है।

डायरेक्ट सीडेड राइस के फायदे

डायरेक्ट सीडेड राइस की तकनीक से किसानों को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं-

- बीज की बचत: इस तकनीक में धान के बीज की मात्रा कम होती है। आमतौर पर, एक एकड़ खेत में 30 से 40 किलो बीज की जरूरत होती है, जबकि इस तकनीक में सिर्फ 5 से 10 किलो बीज काफी होते हैं। इससे किसानों को बीज की लागत में कमी होती है।

- श्रम की बचत: इस तकनीक में धान की नर्सरी और रोपाई की जरूरत नहीं होती है। इससे किसानों को श्रम की लागत में कमी होती है। इसके अलावा, इस तकनीक में खेत को जलभराव की जरूरत नहीं होती है, जिससे पानी की बचत होती है।

- उर्वरक और कीटनाशक की बचत: इस तकनीक में धान के पौधे को अच्छी तरह से विकसित होने का मौका मिलता है। इससे धान की खेती में उर्वरक और कीटनाशक की आवश्यकता कम होती है। इससे किसानों को इनकी लागत में कमी होती है।

- उपज का वृद्धि: इस तकनीक में धान के पौधे को ज्यादा जगह मिलती है, जिससे उनका जड़ प्रणाली मजबूत होता है। इससे धान की उपज में वृद्धि होती है। इस तकनीक से एक एकड़ खेत में 25 से 30 क्विंटल तक धान की उपज हो सकती है।

डायरेक्ट सीडेड राइस के लिए कैसे तैयार करें खेत?

डायरेक्ट सीडेड राइस की तकनीक के लिए खेत को इस प्रकार तैयार करना होगा-

- खेत को अच्छी तरह से जोत कर बराबर कर लें।

- खेत में नली या फुर्रों का निर्माण करें, जिससे पानी का समान रूप से वितरण हो सके।

- खेत में बीज बुआई के लिए ड्रिलर, ब्रॉडकास्टर या ट्रांसप्लांटर का उपयोग करें।

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