इस जिले के 9,000 से भी अधिक किसानों की कटेगी सम्मान निधि की किस्त, नहीं आएंगे खाते में पैसे, मृतक किसानों के वारिस कराएं अपना पंजीकरण

अगर किसी किसान का नाम पंजीकृत होने के बावजूद मृत्यु हो चुकी है, तो इसके वारिस भी किसान सम्मान निधि का लाभ उठा सकते हैं।

इस जिले के 9,000 से भी अधिक किसानों की कटेगी सम्मान निधि की किस्त, नहीं आएंगे खाते में पैसे, मृतक किसानों के वारिस कराएं अपना पंजीकरण
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इस जिले के 9,000 से भी अधिक किसानों की कटेगी सम्मान निधि की किस्त, नहीं आएंगे खाते में पैसे, मृतक किसानों के वारिस कराएं अपना पंजीकरण

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 15वीं किस्त के लिए उत्तर प्रदेश के एक जिले में 9185 किसानों को जल्दी से अपना केवाईसी पूर्ण करने की सलाह दी गई है। यह योजना किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन अब तक कुछ किसानों का आधार नंबर उनके खाते से लिंक नहीं हो पाया है, जिससे उन्हें किस्त मिलने में विघ्न हो सकता है।

उप कृषि निदेशक की सलाह: जल्दी करें, अंतिम अवसर है

उप कृषि निदेशक मऊ सत्येंद्र चौहान ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए किसानों को अपना केवाईसी जल्दी से पूर्ण करना होगा। मऊ जनपद में कुल 2 लाख 90 हजार 513 किसानों में से अब तक केवाईसी पूर्ण करने वाले केवल 2 लाख 81 हजार 109 किसान हैं, जबकि 9185 किसानों के आधार नंबर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। उप कृषि निदेशक ने बताया कि यह आखिरी अवसर है और किसानों को जल्दी से केवाईसी पूर्ण करना चाहिए।

किसानों के लिए मार्गदर्शन: ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

किसानों को अपना केवाईसी पूर्ण करने के लिए विभागीय कर्मचारी गांव-गांव घूमकर सहायकता प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, किसान जनसेवा केंद्रों पर जाकर भी अपना केवाईसी पूर्ण करा सकते हैं। उप कृषि निदेशक ने बताया कि वर्तमान में कृषि विभाग के कर्मचारी भी गांव-गांव घूमकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं, जो उन्हें केवाईसी पूर्ण करने में मदद कर सकते हैं।

मृतक किसानों के वारिसों के लिए भी अवसर

अगर किसी किसान का नाम पंजीकृत होने के बावजूद मृत्यु हो चुकी है, तो इसके वारिस भी किसान सम्मान निधि का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें मृतक प्रमाणपत्र, आधार, और ज़मीन के कागजात के साथ सहजसेवा केंद्र पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के बाद, सभी डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी को उप कृषि निदेशक कार्यालय मऊ में जमा करना होगा, जिसके बाद मृतक के वारिस का पंजीकरण किया जाएगा।

इस तरह, किसानों को आसानी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ हो सकता है, और इसमें कोई विघ्न नहीं होगा। उन्हें सिर्फ अपनी केवाईसी पूर्ण करने के लिए जल्दी से क्रियाशील होना चाहिए।

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