इस प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी: 31 हजार पद खाली, भर्ती के इंतजार में विद्यार्थी

इस प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी: 31 हजार पद खाली, भर्ती के इंतजार में विद्यार्थी
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इस प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी: 31 हजार पद खाली, भर्ती के इंतजार में विद्यार्थी

खेत खजाना: चंडीगढ़, शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ी समस्या का सामना किया जा रहा है - शिक्षकों की कमी। इसके परिणामस्वरूप, लाखों छात्र अध्यापकों की खासी कमी के चलते अच्छी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। वर्तमान में, 31,434 हजार शिक्षकों की कमी हरियाणा के स्कूलों में महसूस की जा रही है।

इस शिक्षकों की कमी का सबसे बड़ा प्रमुख कारण है कि हरियाणा के स्कूलों में टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के 16,022 और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के 8,703 पद खाली हैं। इसके अलावा, प्रिंसिपल, हेडमास्टर, जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग), पीआरटी (प्राइमरी टीचर), और वोकेशनल शिक्षकों के पदों पर भी शिक्षकों की कमी है।

इस समस्या का सबसे बड़ा कारण यह है कि हरियाणा सरकार के द्वारा शिक्षकों की भर्तियों को लंबित रखा गया है। बड़ी संख्या में पदों की खाली जगहों की बजाय सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भरने की योजना बनाई है।

हरियाणा सरकार की ओर से इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। कुल 1 लाख 20 हजार 966 पदों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 11 हजार पद पूरी योजना के तहत पक्की भर्ती से भरे जाएंगे, और बाकी 9 हजार पद हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भरे जाएंगे।

हरियाणा सरकार के तमाम दावों के बावजूद, शिक्षकों की भर्तियां देरी से हो रही हैं, जिससे शिक्षा क्षेत्र में कमी हो रही है। लेकिन सरकार ने इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए कई उपायों को अपनाया है और बहुत जल्द ही शिक्षकों की तबादला ड्राइव भी शुरू की जाएगी।

इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार की कई उपायों की योजना है, जो शिक्षकों की कमी को कम करेगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराएगी। हरियाणा के शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए अब जरूरी है कि इन योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित किया जाए, ताकि छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाया जा सके।

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