Success Story: बिना किसी कोचिंग के अपनी महनत व दम पर दूसरे प्रयास में चंद्रप्रकाश बने IAS, यहां होगी पहली तैनाती

Success Story: बिना किसी कोचिंग के अपनी महनत व दम पर दूसरे प्रयास में चंद्रप्रकाश बने IAS, यहां होगी पहली तैनाती
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Success Story: बिना किसी कोचिंग के अपनी महनत व दम पर दूसरे प्रयास में चंद्रप्रकाश बने IAS, यहां होगी पहली तैनाती

Khet Khajana, Barmer, Success Story, आईएएस बनने का सपना कितने लोगों का होता है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए कितने लोग तैयार होते हैं? आईएएस बनने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं, कोचिंग सेंटरों में घंटों पढ़ाई करते हैं, लेकिन फिर भी सफलता उनके हाथ नहीं लगती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी मेहनत, लगन और सेल्फ स्टडी के दम पर इस मुश्किल परीक्षा को पास कर लेते हैं। बाड़मेर के चंद्रप्रकाश सुवासिया एक ऐसे ही व्यक्ति हैं, जिन्होंने दूसरे ही प्रयास में आईएएस बनने का सपना साकार किया है। आइए जानते हैं उनकी इस कामयाबी की कहानी।

गरीब परिवार से शुरुआत चंद्रप्रकाश सुवासिया का जन्म बाड़मेर के शास्त्री नगर में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता नरसिंगदास जोधपुर के केरु में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे और माता सुशीला देवी कादरे की ढाणी में वरिष्ठ अध्यापिका के पद पर पदस्थापित थीं। उनके परिवार में उनके अलावा उनकी एक बहन और एक भाई थे। चंद्रप्रकाश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर शहर के मॉर्डन स्कूल से पूरी की और इसके बाद धनबाद से 2021 में IIT से बीटेक किया।

सेल्फ स्टडी का सहारा चंद्रप्रकाश का बचपन से ही सिविल सेवा की तैयारी करने का जुनून था। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग के बाद घर पर ही सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया। उन्होंने कोचिंग की जगह अपने दोस्तों और इंटरनेट का सहारा लिया। उन्होंने रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई की और अपने विषयों पर पूरी पकड़ बनाई। उन्होंने अपने लक्ष्य को अपनी आँखों के सामने रखा और उसके लिए लगातार प्रयास किया।

दूसरे प्रयास में आईएएस बने चंद्रप्रकाश का पहला प्रयास असफल रहा था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और दूसरे प्रयास में फिर से आईएएस की परीक्षा दी। इस बार उन्हें सफलता मिली और वे आईएएस बन गए। उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित हुआ और वे वहां अपनी पहली तैनाती पाएंगे। चंद्रप्रकाश ने अपने समाज के पहले आईएएस अफसर बनकर अपने परिवार और शहर का नाम रोशन किया है।

प्रेरणादायक संदेश चंद्रप्रकाश ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने दोस्तों और परिवार वालों को दिया है। उन्होंने कहा कि आईएएस बनने के लिए महंगी कोचिंग या अन्य महंगी सुविधाओं की जरूरत नहीं होती है, इसके लिए केवल मेहनत और लगन ही काफी होता है। उन्होंने युवाओं को भी अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है

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