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Vinesh Phogat : विनेश फोगाट पर पूरे देश को गर्व, सरकार को मजबूती से खिलाड़ी के साथ खड़ा होना चाहिए था : मुख्यमंत्री भगवंत मान

विनेश फोगाट पर पूरे देश को गर्व, सरकार को मजबूती से खिलाड़ी के साथ खड़ा होना चाहिए था : मुख्यमंत्री भगवंत मान

खेत खजाना: चंडीगढ़, 7 अगस्त, Vinesh Phogat : पंजाब के हरमन प्यारे मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा बुधवार को विनेश फोगाट के घर पहुंचे और परिजनों से मिलकर हौंसला अफजाई की।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हमें दुख है कि हमारी बेटी के सामने गोल्ड मेडल था, वो टेक्निकल वजहों से चूक गई। एक दिन में तीन दिग्गजों को हराकर उन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी। डिफेंडिंग चैंपियन को ही उन्होंने पहले मुकाबले में शिकस्त दी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक पदाधिकारियों को इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताना चाहिए था। उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत ने इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। ऐसा ही मामला हॉकी में भी हुआ, जहां सभी देशों में केवल भारत के खिलाड़ी को रेड कार्ड मिला। देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने यूक्रेन की लड़ाई तो रुकवा दी, लेकिन खिलाड़ियों के साथ खड़े नहीं हुए। उन्होंने विनेश फोगाट के फाइनल में पहुंचने की बधाई तो दी नहीं, लेकिन अयोग्य करार होने पर ट्वीट कर दिया। इससे, उनकी गंभीरता का पता चलता है।

उन्होंने कहा पहले तो हमारे खिलाड़ियों को न्याय के लिए जंतर मंतर पर बैठना पड़ा। जब उन्हें न्याय की आवाज उठाई तो उन्हें इसके लिए धरना देना पड़ा। ये बीजेपी सरकार चाहती नहीं है कि आम घरों के युवा कहीं कामयाब हो सकें। बड़ी मेहनत और दुआओं के बाद ऐसा मौका आता है।

वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि विनेश फोगाट कल भी एक स्टार थीं। आज भी एक स्टार हैं और कल भी वो देश के लोगों के लिए हीरो हैं। वे फाइनल मुकाबले में पहुंचने वाली देश की पहली महिला रेसलर बनीं। हम इस मुश्किल वक्त में फोगाट परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि उनके चाचा और कोच रहे महाबीर फोगाट ने बताया कि सौ ग्राम तो कुछ नहीं होता, बाल कटवा देने से भी ये वजन कम हो सकता था।

उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा। देश का गौरव बढ़ाने वाली बेटी के साथ साजिश हुई है। आज पूरा देश इनके परिवार के साथ खड़ा है। मोदी जी ने न जंतर मंतर पर इन पहलवान बेटियों के साथ खड़े हुए और न ही ओलंपिक में इनके साथ खड़े दिख रहे हैं। उन्होंने इसका विरोध करने के लिए ओलंपिक का बहिष्कार करना चाहिए था। ये बीजेपी सरकार केवल बड़े बड़े दावे कर सकती है। हरियाणा की बेटियों रुकेंगी नहीं, इससे से ज्यादा मेहनत से मेडल भी जीतेंगी और देश का नाम रोशन भी करेंगी।

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