कामधेनु डेयरी योजना के तहत पशुपालको को मिलेगी 9 लाख रूपये तक की सब्सिडी, ऑनलाइन नहीं ऑफलाइन करना होगा आवेदन

साथ ही अगले पांच वर्षों तक सरकार की तरफ से 20 हजार (5 पशु के लिए) या 40 हजार (10 पशु के लिए) अनुदान प्राप्त होगा.

कामधेनु डेयरी योजना के तहत पशुपालको को मिलेगी 9 लाख रूपये तक की सब्सिडी, ऑनलाइन नहीं ऑफलाइन करना होगा आवेदन
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कामधेनु डेयरी योजना के तहत पशुपालको को मिलेगी 9 लाख रूपये तक की सब्सिडी, ऑनलाइन नहीं ऑफलाइन करना होगा आवेदन

उत्तर प्रदेश सरकार ने कामधेनु डेयरी योजना की शुरुआत करके राज्य के युवाओं को डेयरी फार्म खोलने के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश के युवा 9 लाख रुपये तक के लोन पर कम ब्याज दरों में लाभ पा सकते हैं।

योजना के मुख्य लाभ

सब्सिडी आधारित लोन

योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले लोन की राशि सब्सिडी आधारित है, जिससे उत्तर प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में बढ़त होगी।

आने वाले पाँच वर्षों तक मिलेगी सब्सिडी

योजना के तहत, योग्यता अर्जित करने वाले पशुपालकों को आने वाले पाँच वर्षों तक सरकार की तरफ से अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें अपने व्यापार को बढ़ा सकेंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्थापित डेयरी उद्योगों को बढ़ावा देना है और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।

कामधेनु डेयरी योजना उत्तर प्रदेश के लिए सरकार द्वारा अभी तक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, इसलिए आपको ऑफलाइन ही आवेदन करना होगा.

योजना की पात्रता एवं शर्तें

आवेदक उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी होने चाहिए।

परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये या इससे कम होनी चाहिए।

आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।

आवेदक के पास पहले से कम से कम 10 पशु होने चाहिए, जिनमें न्यूनतम 5 पशु दुधारू हों।

आवेदन प्रक्रिया

नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जाएं और कामधेनु डेयरी योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।

फॉर्म को सही तरीके से भरें और सभी आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां संलग्न करें।

फॉर्म को पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पास जमा करें।

आवेदन की जांच होने के बाद, योजना के लिए चयनित होने पर बैंक द्वारा लोन प्रदान किया जाएगा।

कामधेनु डेयरी योजना के लिए चयनित होने के बाद आपकी जरूरत के हिसाब से बैंक द्वारा लोन दिया जाएगा. साथ ही अगले पांच वर्षों तक सरकार की तरफ से 20 हजार (5 पशु के लिए) या 40 हजार (10 पशु के लिए) अनुदान प्राप्त होगा. अनुदान राशि सीधे पशुपालक लाभार्थी के बैंक अकाउंट में भेज दी जाएगी.

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