UP E Padtal Yojana 2023: योगी सरकार ने शुरू की ई-पड़ताल योजना, मुआवजे की प्रक्रिया होगी आसान, जानिये पूरी डिटेल्स

UP E Padtal Yojana 2023: योगी सरकार ने शुरू की ई-पड़ताल योजना, मुआवजे की प्रक्रिया होगी आसान, जानिये पूरी डिटेल्स
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UP E Padtal Yojana 2023: उत्तर प्रदेश को एक कृषि प्रधान राज्य माना जाता है, जहां 70 प्रतिशत से अधिक लोग खेती-किसानी कर अपनी आजीविका चलाते हैं। यहां पर किसान न केवल पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं, बल्कि फल, सब्जी, और फूलों की भी खेती करते हैं। इसके कारण यहां पर आम, आलू, गन्ना, और गेहूं के उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक है।

हालांकि, बारिश और सुखाड़ के कारण लाखों हेक्टेयर की फसल नुकसान हो जाती है, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।

इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक नई पहल की है - 'ई-पड़ताल' का शुभारंभ किया जा रहा है। इस 'ई-पड़ताल' का उद्देश्य राज्यभर में फसलों की आंकड़ाबाज़ी करना है।

यह सरकार को यह जानने में मदद करेगा कि राज्य में कौन-कौन सी फसलें कहां और कितनी मात्रा में उगाई जा रही हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसलों के नुकसान को समय पर पहचानकर किसानों को मुआवजा देना भी सरल हो जाएगा।

इस पहल के तहत, खरीफ फसलों की 'ई-पड़ताल' को दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहले चरण में, 21 जनपदों में और दूसरे चरण में, 54 जनपदों में सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा।

इसके लिए राज्य सरकार ने चार कमेटियों की स्थापना की है, जो कि राज्य, जनपद, और तहसील स्तर पर कार्य करेंगी। इन कमेटियों की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे।

इस 'ई-पड़ताल' के माध्यम से डेटा को एकत्र करने के अलावा, सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने और सब्सिडी व योजनाओं का लाभ देने के लिए 6 प्वाइंट में फ्रेमवर्क भी तैयार किया है।

इससे किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ होगा और वे सब्सिडी का उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा, फसलों की मान की तय करने में भी इस डेटा का उपयोग हो सकता है।

इस पहल के तहत, प्रत्येक जनपद में 'जिला मास्टर ट्रेनर्स' और प्रत्येक तहसील स्तर पर 'तहसील मास्टर ट्रेनर्स' को प्रशिक्षित करने का कार्य भी किया जा रहा है।

ये ट्रेनर्स इस सर्वेक्षण को संचालित करने में मदद करेंगे और डेटा को सही तरीके से एकत्र करने में सहायक होंगे। इसके माध्यम से न केवल फसलों का डेटा ही एकत्र किया जाएगा, बल्कि भूमि, आदमी, और पूर्ववर्ती विचारों का भी संग्रहण होगा ताकि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके।

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