नासिक मंडियों में बंदी, महाराष्ट्र के प्याज बाजार में तेजी, देखें अन्य मंडियों के भाव

नासिक मंडियों में बंदी, महाराष्ट्र के प्याज बाजार में तेजी, देखें अन्य मंडियों के भाव
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नासिक मंडियों में बंदी, महाराष्ट्र के प्याज बाजार में तेजी, देखें अन्य मंडियों के भाव

खेत खजाना : नासिक जिले के लासलगांव में स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी ने 9 से 19 नवंबर तक बंद होने का निर्णय लिया है। इससे किसानों में खासकर नासिक जिले के किसानों में असमंत्रितता बढ़ी है। इसके चलते किसानों की दीवारी दिवाली पर उम्मीदों के खिलाफ हो रही है।

बंद मंडियों के कारण किसानों की नाराजगी

नासिक जिले की मंडियों के बंद होने से किसानों में असमंत्रितता की बढ़ती नजर आ रही है। किसानों को उम्मीद थी कि दिवाली के इस मौके पर प्याज बेचकर उन्हें अच्छी कमाई होगी, लेकिन मंडी बंद रहने से उनकी ये उम्मीदें टूट गई हैं। नासिक जिले की मंडियों में नीलामी अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन राज्य के अन्य जिलों में मंडियां खुली हुई हैं और वहां पर किसान प्याज बेच पा रहे हैं।

अन्य मंडियों में प्याज के दाम

महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है, जहां देश का करीब 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है। नासिक सबसे बड़ा उत्पादक है, जहां प्याज की ट्रेडिंग करने वाली करीब 20 मंडियां हैं। नासिक के किसानों में इस बंदी से गुस्सा है, लेकिन राज्य के अन्य जिलों में मंडियां खुली हुई हैं और वहां पर दाम भी अच्छा मिल रहा है।

महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार, अन्य मंडियों में प्याज के दाम निम्नलिखित हैं:

पुणे मंडी:

न्यूनतम दाम: 2000 रुपये प्रति क्विंटल

अधिकतम दाम: 4600 रुपये प्रति क्विंटल

मॉडल प्राइस: 3300 रुपये प्रति क्विंटल

अहमदनगर मंडी:

न्यूनतम दाम: 3300 रुपये प्रति क्विंटल

अधिकतम दाम: 5110 रुपये प्रति क्विंटल

मॉडल प्राइस: 4205 रुपये प्रति क्विंटल

पुणे की मंजरी मंडी:

न्यूनतम दाम: 2600 रुपये प्रति क्विंटल

अधिकतम दाम: 3600 रुपये प्रति क्विंटल

मॉडल प्राइस: 3000 रुपये प्रति क्विंटल

नासिक के किसानों की आपत्ति

नासिक के किसानों में बंद मंडियों के कारण गुस्सा है। कोल्हापुर मंडी में 14 नवम्बर को 5968 क्विंटल प्याज की आवक पहुंची, जिसका न्यूनतम दाम 1500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। वहीं पुणे की मंडी में 10001 क्विंटल प्याज की आवक हुई, जिसका न्यूनतम दाम 2000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। नासिक के किसानों का कहना है कि इस बंदी से उन्हें नुकसान हो रहा है और वे इस पर आपत्ति जता रहे हैं।

प्याज उत्पादों के किसान नेता नाराज

दीपावली के चलते किसान मंडियों में खूब माल ला रहे थे, लेकिन नासिक जिले के किसानों को उम्मीद नहीं थी कि बाजार समितियां इतनी जल्दी बंद हो जाएंगी, और वह भी इतने दिनों के लिए। नासिक चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इसके खिलाफ आपत्ति जताई है और कहा है कि यह विधि के खिलाफ है।

नासिक मंडियों की बंदी ने महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि अन्य बाजारों में प्याज के दाम अच्छे हैं। किसानों की आपत्ति और उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार को उचित कदम उठाना आवश्यक है, ताकि किसानों को न्याय मिल सके और वे अच्छे दामों में अपना उत्पाद बेच सकें।

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