KR-64 कपास बीज को लेकर किसानों की फिर बड़ी मुश्किलें, पिछले साल की तरह इस बार भी नकली बीज तो नहीं खरीद रहे किसान, कृषि अधिकारियों ने किया अलर्ट

कपास की बिजाई का उचित समय 15 मार्च से 15 अप्रैल तक माना गया है, लेकिन इस बार गर्मी की जल्दी से दस्तक दे चुकी है

KR-64 कपास बीज को लेकर किसानों की फिर बड़ी मुश्किलें, पिछले साल की तरह इस बार भी नकली बीज तो नहीं खरीद रहे किसान, कृषि अधिकारियों ने किया अलर्ट
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KR-64 कपास बीज को लेकर किसानों की फिर बड़ी मुश्किलें, पिछले साल की तरह इस बार भी नकली बीज तो नहीं खरीद रहे किसान, कृषि अधिकारियों ने किया अलर्ट

Sirsa, khetkhajana: किसान अपने खेतों में सरसों की कटाई में लगे हुए हैं, मौसम में बदलाव आने के कारण किसान जल्दबाजी में सरसों काट रहे हैं मौसम खराबी के चलते किसान फसल काटने में जल्दबाजी दिखा रहे हैं, वही kR- 64 बीज को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को अलर्ट किया हैऔर नकली व ख़राब बीज को खरीदने से सावधान रहने की सलाह दी है.

नकली बीज से होने वाले नुकसान

नकली बीज खरीद लेने पर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है खासकर वे किसान जिनके खेतों में पानी की कमी आ रही और रेतीली मिट्टी है उन्हें समय रहते देसी कपास की खेती करने की सलाह दी जाती है। किसानों को खेती करते हुए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक के KR 64 बीज की कमी और नकली बीजों की कालाबाजारी का खतरा है. जिसके चलते किसानों को भारी परेशानी हो रही है

बिजाई का समय

कपास की बिजाई का उचित समय 15 मार्च से 15 अप्रैल तक माना गया है लेकिन इस बार गर्मी जल्दी दस्तक दे चुकी है जिसके कारण कपास की बिजाई पर अधिक जोर दिया जा रहा है कई किसान तो ऐसे हैं जिनके पास कपास का बीज अभी तक नहीं पहुंचा है जिस कारण उन्हें अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा

अभी क्या है स्थिति

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मार्केट में अभी तक kr 64 बीज उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि कंपनी की तरफ से पहले स्लॉट मार्केट में आया था लेकिन यह बीज फेल हो गया था और मार्केट में नहीं आ पाया। अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि वह कपास की खेती करने के लिए बीज का सही तरीके से चयन करें ताकि उन्हें बढ़िया उत्पादन मिल सके. विभाग के अधिकारी ने दावा किया कि जैसे ही सैंपल सफल होता है तुरंत किसानों तक बी पहुंचाया जाएगा

क्या कहते हैं किसान

किसानों का कहना है कि फिलहाल देसी कपास की बिजाई का यह समय उचित और सटीक है लेकिन बीज की कमी के कारण दुकानदार नकली बीज धड़ल्ले से बेच रहे हैं, अगर इस कालाबाजारी पर रोक नहीं लगाई जाएगी तो किसान पिछले वर्ष की तरह इस बार भी नरमा और कपास का बंपर उत्पादन नहीं ले पाएंगे

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को कपास और नरमा का बीज खरीदने के लिए उचित सावधानी की जरूरत है कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को सुझाव दे रहे हैं कि वे सावधानी से बीज का चयन करें और नकली बीजों से बचें।

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