गेहूं के MSP 2024-25 में बढ़ सकती है 10% तक वृद्धि, त्योहारी सीजन में पड़ेगा नरम या तोड़ेगा आम आदमी की कमर, जानिए अभी के रेट
इस साल, 2024-25 के सीजन के लिए गेहूं के MSP में लगभग 10% तक की वृद्धि की जा सकती है।
गेहूं के MSP 2024-25 में बढ़ सकती है 10% तक वृद्धि, त्योहारी सीजन में पड़ेगा नरम या तोड़ेगा आम आदमी की कमर, जानिए अभी के रेट
गेहूं के MSP 2024-25: भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने गेहूं के समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की संभावना जताई है, जो किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है। इस साल, 2024-25 के सीजन के लिए गेहूं के MSP में लगभग 10% तक की वृद्धि की जा सकती है। यह बढ़ोतरी किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है।
गेहूं की मंदी में तेजी
गेहूं की मंदी में हाल के महीनों में तेजी की रिपोर्टें आ रही हैं। जून माह से ही गेहूं और इसके उत्पादों के दाम में खुदरा बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है। समर्थन मूल्य में वृद्धि के बावजूद, गेहूं के दाम बाजार में स्थिर रहे हैं।
भारत: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक और खपतकर्ता
भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और खपतकर्ता देश है, चीन के बाद। इसके बावजूद, पिछले दो सालों में गेहूं की पैदावार और सरकारी खरीद का स्तर कम हो गया है, जबकि इसकी मांग और खपत बढ़ रही है।
बाजार में क्या है गेहूं का माहौल?
बाजार में गेहूं के दाम स्थिर रह रहे हैं, और इसमें बड़ी गिरावट की कोई संभावना नहीं दिख रही है। दिल्ली में गेहूं का भाव अगले सप्ताहों में 2560 के ऊपर रहने की संभावना है। गेहूं की कीमतें जल्द ही 2680-2700 रुपये के पास जा सकती हैं। सरकार त्योहारी सीजन की डिमांड के हिसाब से गेहूं की खेती में और बढ़ावा कर सकती है।
बाजार की स्थिति
बाजार में इस सप्ताह गेहूं के भाव स्थिर रहे हैं, और कई राज्यों में आटा और मैदा के भाव मजबूत हुए हैं। ट्रेडर और मिलर्स दोनों ही बाजार से माल को खरीद रहे हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात, और महाराष्ट्र में गेहूं के भाव मजबूत हैं।
FCI नोटिस सूचना
गेहूं के अगले टेंडर का आयोजन 4 अक्टूबर को होगा। एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत कुल 20 लाख टन गेहूं बीच चुकी है, और अगले टेंडर में 2,010,50 टन की पेशकश की जाएगी।
इस तरह की बढ़ोतरी से किसानों को आर्थिक सहायता मिल सकती है और गेहूं के उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है। यह उम्मीद है कि गेहूं के MSP में होने वाली बढ़ोतरी के साथ, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और भारत के खाद्य संचालन में स्थिरता बनी रहेगी।