मास्टर सुबेसिंह के बेटे की शादी बनी चर्चा का विषय, सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख रुपए ना लेकर स्वीकार किया 1 रुपया व नारियल

मास्टर सुबेसिंह के बेटे की शादी बनी चर्चा का विषय, सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख रुपए ना लेकर स्वीकार किया 1 रुपया व नारियल
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मास्टर सुबेसिंह के बेटे की शादी बनी चर्चा का विषय, सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख रुपए ना लेकर स्वीकार किया 1 रुपया व नारियल

खेत खजाना, सिरसा। मास्टर सुबेसिंह चाहरवाला को आप जानते ही होंगे। मास्टर सुबेसिंह एक सामाजिक व्यक्ति थे जिन्होने समय समय पर युवाओं को जागृत करने के लिए बिड़ा उठाया था। चाहे वो बात क्षेत्र के विकास के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हो, नाथूसरी चैपटा क्षेत्र में बस स्टेंड के निर्माण की हो या फिर रक्त दान कैंप लगाकर के रक्तदान महादान का संदेश देना हो, ऐसे सामाजिक कार्यो के लिए मास्टर सुबे सिंह चाहरवाला निरंतर संघर्ष करते रहे। बेटी बचाओ बेटी पढाओं के नारे को सार्थक करते हुए चाहरवाला ने दहेज प्रथा एवं भु्रण हत्या के दानव को खत्म करने के लिए बेटी के जन्म दिन पर कुआ पूजन करवाकर समाज में एक बड़ी मिशाल कायम की।

मास्टर सुबेसिंह चाहरवाला के द्वारा जनहित में किए गए कार्यो से प्रेरणा लेकर आज हर युवा अपने आप को भाग्यशाली समझता है और उसी सामाजिक राह पर चलकर समाज में सामाजिक चेतना फैला रहा है। मास्टर सुबेसिंह चारहवाला की जितनी तारीफ करें तो शब्द ही कम पड़ जाते है। शहिदों के सपनों को साकार करने के लिए मास्टर सुबे सिंह चाहरवाला के द्वारा हर गांव में युवा कल्बों कि सहायता से देश पर न्यौछावर होने वाले वीरों के जन्मदिन हो या शहादत दिवस पर सामाजिक कार्यक्रम कर उन वीरों को याद किया गया। इसके साथ साथ हर गांव में देश पर न्यौछावर होने वाले वीरों की प्रतिमा लगाकर के उनका मान सम्मान बढाया गया।

मास्टर सुबे सिंह से प्ररेणा लेकर व दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को उखाड़ फैंकने के लिए बेटे सुमित ख्यालिया ने अपनी शादी में सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख रूपये ना लेकर अपने पिता सुबेसिंह चाहरवाला की सामाजिक सोच को आगे बढाने का काम किया है। सुमित ने कहा है कि मेरे पिता सदैव क्षेत्र के विकास के लिए और सामाजिक बुराइयों के खात्मे के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। उनका एक सपना था कि देश से जब तक सामाजिक बुराईयां खत्म नही होगी तब तक देश में यूं ही दहेज के लोभियों द्वारा बेटियों को प्रड़ताड़ित किया जाएगा। सुमित ने कहा कि आज बेसक मेरे पिता हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके द्वारा जनहित में किए गए कार्यों से हम सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें कि 15 मार्च को सिरसा जिले के चाहरवाला निवासी स्व. सुबे सिंह के पुत्र सुमित ख्यालिया की शादी व्याख्याता सलेंद्र फगेड़िया की बेटी नित्या के साथ पूरे रस्मो रिवाज से संपन्न हुई। सुबह  विदाई के समय सुमित ख्यालिया ने विदाई के समय सुमठनी के रूप में थाली में रखे 11 लाख रुपए नगद ना लेकर रस्म के मुताबिक शगुन का  मात्र 1 रुपया व नारियल ही स्वीकार किया। जबकि यह शादी पुरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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