गेहूं कटाई करने वाले मजदूरों को ना मिल रहा गेहूं और ना ही भूसा, किसान देहाड़ी में दे रहे सिर्फ रुपए

गेहूं कटाई करने वाले मजदूरों को ना मिल रहा गेहूं और ना ही भूसा, किसान देहाड़ी में दे रहे सिर्फ रुपए
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By. Khetkhajana.com

गेहूं कटाई करने वाले मजदूरों को ना मिल रहा गेहूं और ना ही भूसा, किसान देहाड़ी में दे रहे सिर्फ रुपए

रबी फसलों की कटाई जोरों पर है किसान अपने खेतों में तेजी से गेहूं कटाई में लगे हुए है। अबकी बार बारिश ने गेहूं की फसल चौपट करके रख दी है जिस कारण कई किसानों ने अपने खेतों में कंबाइन से गेहूं कटवाने पर मना कर दिया है वह अब या तो खुद गेहूं काट रहे हैं या फिर मजदूरी पर गेहूं कटवा रहे हैं।

पिछले साल की बजाय इस साल गेहूं कटाई की मजदूरी ज्यादा है जहां किसान कंबाइन से गेहूं ना कटवा कर रीपर या मजदूरों से गेहूं कटवा रहे हैं तो वहीं कई किसान खर्चे को कम करने के लिए खुद गेहूं काट खेतों में पसीना बहा रहे हैं। किसान मजदूरों को इस बार गेहूं और भूसा देने के बदले मजदूरी में सिर्फ रुपए दे रहे हैं क्योंकि बारिश के कारण फसलों का उत्पादन कम हुआ है जिसके कारण भूसे पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है किसान खुद एक पशुपालक है इसलिए उसने मजदूरी में गेहूं और भूसा देने से इनकार कर दिया है। कई मजदूर गेहूं में भूसे के लिए गेहूं की कटाई कर रहरहे हैं लेकिन किसान गेहूं का उत्पादन कम होने के कारण पैसे देकर काम चला रहे हैं।

श्रमिकों के न मिलने से इस वर्ष गेहूं कटाई महंगी हो गई है। छोटे किसान अधिक गेहूं देकर फसल कटवाने को मजबूर हो रहे हैं। बड़े किसान मशीन से गेहूं की फसल कटवा रहे हैं। इससे भूसे का नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि पिछले 2 सालों में गेहूं कटाई की मजदूरी सस्ती थी लेकिन इस बार प्रवासी न आने के कारण गेहूं की मजदूरी काफी बढ़ गई है।

किसानों का कहना है कि पिछले साल गेहूं की कटाई के समय बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं की फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया था जिस कारण पूरे साल भूसे की कमी बनी रही और इस बार भी यही हाल है अगर भूसे का उत्पादन कम होगा तो पशुपालकों को इस बार भी गेहूं के भूसे की कमी का  सामना करना पड़ सकता है।

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