मधुमक्खी का डंक जहर नहीं उगलता है, इसका डंक बेचने पर मिलेंगे 70 लाख रुपये

मधुमक्खी का डंक जहर नहीं उगलता है, इसका डंक बेचने पर मिलेंगे 70 लाख रुपये
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By. Khetkhajana.com

मधुमक्खी का डंक जहर नहीं उगलता है, इसका डंक बेचने पर मिलेंगे 70 लाख रुपये

मधुमक्खी के काटने का किसे डर नहीं लगता मधुमक्खी जब डंक मारती है तो बहुत ही दर्द होता है। कभी-कभी इंसान की जान तक चली जाती है लेकिन यही जहरीला डंक इंसान को मालामाल करने वाला है

मधुमक्खी का डंक बहुत ही जहरीला होता है लेकिन फिर भी यह सोने से अधिक महंगा बिक रहा है मधुमक्खी के एक डँक की कीमत लगभग 70 लाख रुपये बताई गई है।

मध्यप्रदेश के मुरैना में इस डंक की प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाया जा रहा है जिस पर लगभग 4 करोड रुपए का खर्च होगा। महात्मा गांधी आश्रम में लग रहे इस यूनिट मैं शहद की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।

मधुमक्खी पालकों को इसका दोहरा लाभ मिलने वाला है क्योंकि शहद बेचने के साथ-साथ मधुमक्खी पालकों को इसके डंक से भी फायदा मिलेगा। वह उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। मधुमक्खी पालन से किसानों के आर्थिक हालात में खासा परिवर्तन हो सकता है. बता दें कि मधुमक्खी का हर चीज मनुष्य के लिए उपयोगी है. ऐसे में सरकार भी मधुमक्खी पालन में खास योगदान दे रही है ताकि किसानों को इसका पूरा फायदा मिल सके.

भारत में लगभग 60 लाख किसान मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करते हैं मधुमक्खी का डंक जहरीला होने के साथ-साथ बीमारियों में बहुत अधिक फायदेमंद है इसके डंक के जहर से गठिया जैसी बीमारी में बहुत अधिक लाभ मिलता है व एड्स जैसी घातक बीमारियों के लिए मेडिसीन भी तैयार किया जाता है.

मशीन के माध्यम से मधुमक्खी का डंक निकाला जाएगा. इसके लिए मधुमक्खी पालकों को ट्रेंड भी किया जाएगा. ये यूनिट महात्मा गांधी सेवा आश्रम में लग रही है. शहद की यूनिट का सबसे ज्यादा फायदा मधुमक्खी पालकों को होगा. रिपोर्ट के मुताबिक मधुमक्खी के डंक की राष्ट्रीय बाजार में कीमत 70 लाख रुपये तक बताई जा रही है.

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