गेहूं कटाई के बाद कैसे और कब करें मूंग की बुवाई

गेहूं कटाई के बाद कैसे और कब करें मूंग की बुवाई
X

गेहूं की कटाई के बाद किसान तीसरी फसल के रूप में मूंग (दलहन) की खेती कर सकते है। कृषि विभाग ने किसानों को इसके लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है। यह फसल 65-70 दिनों में तैयार हो जाती है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है।

गेहूँ काटने के बाद ज्यादातर खेत खाली पड़े रहते है। इस दौरान किसान चाहे तो तीसरी फसल के रूप में मूंग (दलहन) तथा सूरजमुखी (तिलहन) की खेती कर सकते है। सूरजमुखी की खेती के लिए किसानों को स्वयं बीज खरीदना पड़ेगा। यह फसल भी 65-70 दिन में तैयार हो जाती है।

ऐसे करें खेत की तैयारी

खेत की पहली जुताई हैरो या मिट्टी पलटने वाले रिज़र हल से करनी चाहिए। इसके बाद दो-तीन जुताई कल्टीवेटर से करके खेत को अच्छी तरह भुरभरा बना लेना चहिए। आखिरी जुताई में लेवलर लगाना अति जरूरी है, इससे खेत में नमी लम्बे समय तक संरक्षित रहती है। दीमक से ग्रसित भूमि को फसल की सुरक्षा के लिए क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से अंतिम जुताई से पहले खेत में बिखेर दें और उसके बाद जुताई कर उसे मिट्टी में मिला दें।

मूंग की खेती में बीज की मात्रा

मूंग की उन्नत किस्म का बीज की बुवाई करने से अधिक पैदावार मिलती है। प्रति एकड़ 25 से 30 किलो बीज की बुवाई पर्याप्त होती हैं ताकि एक एकड़ में पौधों की संख्या 4 से 4.5 लाख तक की हो सके।

मूंग की बुवाई करने का तरीका

ग्रीष्म कालीन मूंग की बुवाई सीड ड्रिल मशीन या हैप्पी सीडर की मदद से करके आप अपना समय व लागत दोनों की बचत कर सकते हैं। सीडड्रिल या हैप्पी सीडर की सहायता से कतारों में बुवाई करें। कतारों के बीच की दूरी 30 से 45 सेटीमीटर की रखते हुए 3 से 5 सेटीमीटर गहराई पर बीज बोना चाहिए। वहीं एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच दूरी 10 सेटीमीटर रखना उचित रहता है।

मूंग की फसल की कटाई

मूंग की फलियों का रंग हरे से भूरा होने लगे तब फलियों की तुड़ाई तथा एक साथ पकने वाली प्रजातियों में कटाई कर लेना चाहिये तथा बची फसल की मिट्टी में जुताई करने से हरी खाद की पूर्ति भी होती है। फलियों के अधिक पकने के बाद तुड़ाई करने पर फलियों के चटकने का डर रहता है जिससे इसका कम उत्पादन प्राप्त होता है।

मूंग की फसल का उत्पादन एवं कमाई

मूंग की एक एकड़ खेत से 7 से 8 क्विंटल उपज प्राप्त हो जाती है। एक हेक्टयर क्षेत्र में मूंग की खेती करने के लिए 18 से 20 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है। मूंग का भाव बाजार में 80 से 120 रुपये प्रति किलो तक का होता हैं। जिससे किसान आसानी से हजारों रुपये का लाभ कमा सकते हैं।

Tags:
Next Story
Share it