घड़े का पानी पीने से सही रहता है खून का पीएच

घड़े का पानी पीने से सही रहता है खून का पीएच
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घड़े का पानी पीने से सही रहता है खून का पीएच

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। इस समय लोग जगह-जगह ठंडे पानी के लिए प्याऊ की व्यवस्था करते हैं। ठंडे पानी के लिए हमारी निर्भरता मिट्टी के घड़े के बजाय फ्रिज के प्रति बढ़ी है जबकि मिट्टी के घड़े में पानी पीने के कई फायदे हैं। जानते हैं इसके बारे में-

कैसा हो मिट्टी का घड़ाः शीतल जल के लिए काली मिट्टी से बने घड़े का उपयोग करना चाहिए।

कहां रखा जाएः मिट्टी के घड़े को अक्सर लोग अपनी रसोई में रखते हैं। यदि वहां आप घड़ा रख रहे हैं तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि वहां हवा का संचार अच्छा हो।

कब बदलना चाहिए: मिट्टी के घड़े को वैसे तीन माह के अंदर बदल दें. अगर पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है तो वहां डेढ़ माह में मटका बदलना जरूरी है।

कैसे सफाई करें: मटके में कभी हाथ डालकर साफ नहीं करें। ऐसे साफ करने से घड़े की गंदगी उसके छिद्रों में चली जाती है। इससे मटका साफ नहीं होता।

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फायदे

  1. क्षारीयता बढ़ाताः मिट्टी के घड़े में रखे पानी में क्षारीयता बढ़ती है। यह हमारे खून के पीएच को संतुलित रखता है। हमारी दिनचर्या से शरीर में अम्लता बढ़ रही है।
  2. पानी को ठंडा रखताः फ्रिज के मुकाबले यह संतुलित आधार पर पानी को ठंडा रखता है। कहा जाता है कि मिट्टी के घड़े में से थोड़ा पानी टपकना चाहिए क्योंकि उसमें से थोड़ा पानी बाहर आता है और वाष्पीकृत होता है।
  3. लवणों को बढ़ाता : मिट्टी के घड़े में रखे पानी से पर्याप्त लवण मिलते हैं। इस पानी की क्षारीयता को बढ़ाने के लिए आप उसमें नदी के पत्थर डालकर रखें या फिर आप चांदी भी डालकर रख सकते हैं।

उचित यही है कि घड़े में पानी डालकर तीन-चार बार उसे खंगाल लें।

-डॉ. रमाकांत शर्मा, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ

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