जिस भूसे को किसान बेकार समझ निकलवा देता है खेतों से बाहर, वही सरसों का भूसा बिक रहा 450 रुपए प्रति क्विंटल

जिस भूसे को किसान बेकार समझ निकलवा देता है खेतों से बाहर, वही सरसों का भूसा बिक रहा 450 रुपए प्रति क्विंटल
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By. Khetkhajana.com

जिस भूसे को किसान बेकार समझ निकलवा देता है खेतों से बाहर, वही सरसों का भूसा बिक रहा 450 रुपए प्रति क्विंटल

सरसों निकालने के बाद जो भूसा बच जाता है किसान उसे बेकार समझकर मुफ्त में ट्रैक्टर में भरवा कर खेतों से बाहर निकलवा देते हैं लेकिन यह कीमती भूसा किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है यह सरसों का भूसा इतना काम का है कि ईट भट्टे वाले कीमती कोयले के स्थान पर इसे इंधन के रूप में प्रयोग करते हैं। ईंट को पकाने के लिए उपयोग में लाया गया इंधन सरसों का भूसा ही होता है जो इन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाता है इसलिए किसान अपने खेतों में शेष बचे गेहूं के भूसे को जलाएं या कहीं बाहर ना फेंके। यह बेकार दिखने वाला सरसों का भूसा आपको काफी मुनाफा दिलवा सकता है।

आप सभी को यह तो पता ही होगा कि सरसों का भूसा पशुओं के खाने लायक नहीं होता इसलिए इसे भट्टे पर बेचकर काफी लाभ कमाया जा सकता है। ईट भट्ठा संचालक सरसों के भूसे को अच्छे दामों पर खरीद रहे हैं।

इस भाव बिक रहा सरसों का भूसा

सरसों के भूसे से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। ईट भट्टा संचालक सरसों का भूसा 400 रूपये से लेकर 450 रूपये प्रति क्विंटल तक खरीद रहे हैं जिससे किसानों को सरसों का भूसा बेचकर काफी मुनाफा हो रहा है। जहां मंडियों में सरसों का भाव स्थिर दिखाई दे रहा है वहीं सरसों का भूसा बेच किसान अधिक लाभ ले रहे हैं।

सरसों के भूसे की आग टिकाऊ होने के कारण ईंट भट्टा संचालक इसे बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं सरसों के भूसे से पक्की ईद अधिक टिकाऊ होती है। ईट भट्टा संचालक कोयले के अधिक महंगे होने के कारण अब सरसों के भूसे का उपयोग करने लगे हैं। सरसों का भूसा पंजाब, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है।

आगामी दिनों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाएगी, जिससे भूसा के दाम गिरने की आगे भी उम्मीद रहेगी। बता दें कि बीते साल भूसे के दामों में तेजी दर्ज की गई थी।

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