गेहूं कटाई में अगर किया इस मशीन का इस्तेमाल, तो हो सकती है कार्यवाही

गेहूं कटाई में अगर किया इस मशीन का इस्तेमाल, तो हो सकती है कार्यवाही
X

By. Khetkhajana.com

गेहूं कटाई में अगर किया इस मशीन का इस्तेमाल, तो हो सकती है कार्यवाही

इन दिनों देश के ज्यादातर इलाकों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। मौसम की अनिश्चितताओं के कारण किसान जल्द से जल्द कटाई और थ्रेसिंग का काम कर रहे हैं। कुछ इलाकों में स्ट्रॉ रीपर नाम की मशीन का इस्तेमाल होता है जो कटाई और थ्रेसिंग के काम को सुविधाजनक बनाती है।

लेकिन गोरखपुर जिले में स्ट्रॉ रीपर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। नए आदेशों तक इस्तेमाल करने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

कई बार कटाई के दौरान स्ट्रॉ रीपर और भूसा बनाने वाली मशीनों से चिंगारी निकलने लगती है.यह चिंगारी गेहूं की फसल में आग लगा सकती है जो बहुत नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए, गोरखपुर जिले की कृषि विभाग ने स्ट्रॉ रीपर के इस्तेमाल पर रोक लगाई है ताकि इससे जुड़ी संभावित हादसों को रोका जा सके और गेहूं की फसल सुरक्षित रह सके. हालांकि, कुछ लोग इस रोक के खिलाफ उठे हुए हैं और स्ट्रॉ रीपर के इस्तेमाल को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इससे कृषि काम करना आसान हो जाता है और उन्हें समय और पैसे की बचत होती है.

इससे पहले भी कुछ इलाकों में स्ट्रॉ रीपर से फसल कटाई के बाद आग लगी थी जिससे कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद सरकार ने स्ट्रॉ रीपर से फसल कटाई पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. लेकिन अभी भी कुछ इलाकों में इस मशीन का इस्तेमाल होता है, जिससे आग के खतरे को बढ़ा दिया जाता है. इसलिए, सरकार ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि स्ट्रॉ रीपर से फसल कटाई को बैन करना जरूरी है ताकि आग के खतरे को कम किया जा सके और किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

कृषि  यंत्रों से गेहूं की फसल में आग लगाने वाली कई घटनाएं सामने आ रही हैं.

ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं, जिनसे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन ने 15 अप्रैल तक मशीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसी घटनाओं के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों को आपदा निधि और अन्य योजनाओं के जरिए अनुदान भी दिया जाएगा.

यदि हाल-फिलहाल में ऐसी कोई भी घटना हुई है, जिसमें मशीन से निकली चिंगारी के कारण किसान की फसल में आगजनी हुई है तो नुकसान के आधार पर मुआवजे का ऐलान किया गया है. जिला प्रशासन के राहत निधि से 24 घंटे के अंदर प्रभावित किसान को 25,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. यदि घटना से प्रभावित किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या किसान क्रेडिट कार्ड का लाभार्थी है तो ऐसी स्थिति में भी किसान को लाभ की श्रेणी में शामिल किया जाएगा.

Tags:
Next Story
Share it