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देखिए काले अंगूर से कैसे बनाई जाती है शराब और वाइन, वाइन बनाते समय क्यों किया जाता है गेहूं और चीनी का उपयोग

रेड वाइन मुख्य रूप से प्रकट होती है और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। रेड वाइन ह्रदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप में भी फायदेमंद होता है, लेकिन तभी जब इसका उपयोग संतुलित मात्रा में किया जाए |

रेड वाइन के खनिज

मात्रा प्रति 100 ग्राम

  1. पानी 86.49 ग्राम

  2. एनर्जी 85 केसी एल

  3. प्रोटीन 0.07 ग्राम

  4. कार्बोहाइड्रेट 2.61 ग्राम

  5. शुगर 0.62 ग्राम

  6. कैल्शियम 8 मिलीग्राम

  7. आयरन 0.46 मिलीग्राम

  8. मैग्नीशियम 12 मिलीग्राम

  9. फास्फोरस 23 मिलीग्राम

  10. पोटैशियम 127 मिलीग्राम

  11. सोडियम 4 मिलीग्राम

  12. जीत 0.14 मिलीग्राम

  13. कॉपर 0.011 मिलीग्राम

  14. सेलेनियम 0.2 माइक्रोग्राम

  15. थायमिन 0.005 मिलीग्राम

  16. राइबोफ्लेविन 0.031 मिलीग्राम

  17. नियासिन 0.224 मिलीग्राम

  18. विटामिन बी-6 0.057 मिलीग्राम

  19. फोलेट, टोटल 1 माइक्रोग्राम

  20. फोलेट, फूड 1 माइक्रोग्राम

  21. फोलेट, डीएफई 1 माइक्रोग्राम

  22. कोलीन, कुल 5.7 मिलीग्राम

  23. कैरोटीन, बीटा 1 माइक्रोग्राम

    1. ल्यूटिन+ जायजैंथिन 6 माइक्रोग्राम

    2. विटामिन के 0.4 माइक्रोग्राम

    3. फ़ैक्टर, ऐथल (एथिल) 10.6 ग्राम

    4. रेड वाइन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

      1. काले अंगूर 1 किलोग्राम

      2. 1 कप गेंहू

      3. 500 ग्राम चीनी

      4. 10 ग्राम यीस्ट

      5. 1.6 लीटर मिनरल वाटर

      How to make red wine – वाइन बनाने की विधि –

      काले अंगूरों को उनके डंठल से अलग कर के चलते पानी मे अच्छे से धुलें और फिर हवा में अच्छे से फैला कर सुखा लें। गेहूं को अच्छे से धो कर धूप में सुख लें और यीस्ट को एक tbsp शक्कर और 1/2 कप गुनगुने पानी मे घोल कर ढक कर रख दें 15 मिनट के लिए। एक जार को गरम पानी से धो कर अच्छे से सुखा लें या किसी साफ कपड़े से पोंछ लें।

      सूखे जार में अंगूरों को डालकर किसी लकड़ी के साफ चमचे से कुचलें। उसके बाद उसमे चीनी का आधा हिस्सा मिलाएं, आधा हम बाद में मिलाएंगे। बाकी की सामग्रियां भी मिला कर अच्छे से चला लें।

      Fermentation

      जार को उसके ढक्कन से बंद करें और सुनिश्चित कर लें कि आपका जार एयरटाइट हो।

      अब 21 दिनों तक आप उस जार को किसी सूखी और अंधेरी जगह पर रखें, और हर रोज़ जार में मौजूद चीज़ों को किसी सूखे लकड़ी के चम्मच से चलाये।

      अब एक छन्नी से जार की सारी चीजों को किसी लकड़ी के चम्मच या साफ सूखे हांथों से निचोड़कर उनके जूस से अलग कर दीजिए। अब एक साफ जार लें और बाकी की बची 250 ग्राम शक्कर को जार में डालें और ऊपर से अंगूरों का जूस डालें जो कि हमने छान कर रखा है।
      अच्छे से मिलाएं और दोबारा जार के ढक्कन को बंद करें और वापिस 21 दिनों के लिए अपनी पुरानी जगह पर रखें। ध्यान रखे कि अब इन 21 दिनों में कोई भी चेक नही करना अर्थात रोज़ रोज़ नही चलाना है।

      जार को खोलें, और जार के ऊपर का हल्का जूस वाइन ग्लास में परोसें या फिर स्टोर करें किसी कांच की साफ बोतल में |

      वाइन बनाने के दौरान गेहूँ और चीनी का इस्तेमाल क्यों किया गया है?

      यीस्ट का उपयोग वाइन किण्वन के लिए किया जाता है और गेहूँ के उपयोग टैनिंग के लिए किया जाता है और गेहूं में स्टार्च होता है यहवाइन बनाते समय क्यों किया जाता है गेहूं और चीनी का उपयोग स्टार्च यीस्ट द्वारा किण्वनीय शर्करा में परिवर्तित हो जाता है।

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