गेहूं स्टोर करते समय अगर डाल रहे हैं सल्फास की गोलियां, तो हो जाइए सावधान, दे रहे हैं कैंसर को न्योता

गेहूं स्टोर करते समय अगर डाल रहे हैं सल्फास की गोलियां, तो हो जाइए सावधान, दे रहे हैं कैंसर को न्योता
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Khetkhajana

गेहूं स्टोर करते समय अगर डाल रहे हैं सल्फास की गोलियां, तो हो जाइए सावधान, दे रहे हैं कैंसर को न्योता

आजकल अनाज भंडारण में एल्मोनियम फास्फेट जिसे सल्फास कहते है, का बहुत प्रयोग किया जाता है। ऐसे रसायनों से इंसान की बीमारी से लड़ने की क्षमता ही खत्म हो जाती है। जुकाम से लेकर कैंसर तक की हर बीमारी को पकड़ में ऐसा व्यक्ति जल्दी आता है। प्राकृति से हमें तोहफे में मिले इम्यून सिस्टम में कमजोरी आती जाती है। जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है। आर्गनिक या देसी तरीका अनाज को सुरक्षित रखने का बिना खर्च मौजूद है और हर किसान को इसकी जानकारी होनी चाहिए नीम के पत्तों से लेकर मिर्च, हींग का प्रयोग गेहूं को कीटों से बचाने के बेहद कारगर देसी तरीके परंपरागत ज्ञान में मौजूद हैं लेकिन जल्दबाजी इन्सान के सेहत से खिलवाड़ कर तह के बीच हींग रख कर गेहूं में तरह का नुकसान भी नहीं है।

इसी प्रकार अगर आप भी संजोकर रखना चाहते हैं तो इसे सरसों अथवा कड़वे तेल में मल कर राख में रखते हैं तो सालों साल किसी तरह की समस्या नहीं है, ये लॉकर की तरह काम करता है।

अनाज भंडारण करने की परंपरा हमारे देश में प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक विधि रही है ताकि अनाज सुरक्षित एवं पवित्र भी रहे इसके लिए पहले दू छत्ती या बुखारी को गोबर और तालाब की काली मिट्टी में तूड़ी मिलाकर लीपा पोता जाता था। इससे कीट पतंग नजदीक नहीं था। अनाज लंबे समय तक सुरक्षित और पवित्र रहता था आजकल लोहे की टंकियों का इस्तेमाल होने लगा है इसके लिए गेहूं डालने से पहले तीन-चार दिन तक धूप में रखें इसके बाद नीम या कपूर के तेल से अंदर से टंकी को साफ करें ताकि अंडे और लावे पूरी तरह से खत्म हो जाए इसके बाद बिल्कुल सूखा हुआ अनाज डलें इसके साथ ही नीम की पत्तियां वह माचिस की दो डिब्बों की तिलिया भी डाल सकते हैं अगर आप 25 मन अनाज एक टंकी में डाल रहे हैं तो इसमें ढाई सौ ग्राम सूखी हल्दी का पाउडर डाल सकते है. इसके साथ ही 3 परत सूखे बालू रेत की बना दी यह नमी को अवशोषित कर लेता है अगर संभव हो तो प्याज लहसुन और तुलसी की सूखी पत्तियां भी डाल सकते हैं ऐसा करने से आप का अनाज उत्तम दर्जे का रहेगा क्योंकि सल्फास की गोलियां डालने से गेहूं का संक्रमण बढ़ जाता है और जहरीले एलुमिनियम सल्फाइड रसायन से कैंसर बनता है

इसलिए उत्तम स्वास्थ्य के लिए उत्तम आहार अनिवार्य है उपरोक्त विधि को अपनाएंगे तो जीवन सुखमय बना रहेगा यह एक प्राकृतिक विधि है जिसे हर कोई सरलता से और बड़ी आसानी से कर सकता है

टंकियों को कपूर के तेल से भी साफ कर सकते हैं इस तेल को बनाने की विधि यहां दी गई है

सौ ग्राम सरसों के तेल में दो टिक्की कपूर की धीरे धीरे गर्म करें ध्यान रखें कि कपूर का वाष्प आग ना पकड़ ले कपूर धीरे-धीरे सरसों के तेल में अपने आप घुल जाएगा इसी तेल को आप प्रयोग में ला सकते हैं इसी से आप बाहर और भीतर से साफ करेंगे तो इसके कीटाणु अंडे और लारवे सभी नष्ट हो जाएंगे

नीम का तेल भी तैयार कर सकते हैं ढाई सौ ग्राम सरसों के तेल में लगभग 20 ग्राम नीम की सूखी पत्तियां डालकर गर्म करें इसे धीरे-धीरे गर्म करें और तब तक गर्म करें जब तक पत्तियां अपना रंग ना बदल दे काफी गर्म करने के बाद पत्तियां काली पड़ जाएगी पत्तियां काली होने के बाद गर्म करना बंद कर दें और इसे छान लें यही नीम का तेल है इस तेल के प्रयोग से भी आप अनाज भंडारण की टंकियों को शुद्ध कर सकते हैं यही नहीं आप नीम और कपूर के तेल का उपयोग मक्खी और मच्छर भगाने के लिए भी कर सकते हैं उपरोक्त में बालू रेत नीम की पत्ती और हल्दी पाउडर डालकर भी अनाज भंडारण को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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