बढ़ने वाला है बसों का किराया? प्रति किलोमीटर 34 रूपये का खा रही घाटा रोडवेज बस

बढ़ने वाला है बसों का किराया? प्रति किलोमीटर 34 रूपये का खा रही घाटा रोडवेज बस
X

Khetkhajana

बढ़ने वाला है बसों का किराया? प्रति किलोमीटर 34 रूपये का खा रही घाटा रोडवेज बस

हरियाणा रोडवेज को अपनी बसों को चलाने में प्रति किलोमीटर 33 रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। हरियाणा राज्य परिवहन को प्रति किलोमीटर 72.83 रुपये का खर्च आ रहा है, जबकि इसके मुकाबले आमदनी मात्र 39.23 रुपये की हो रही है। ऐसे में लगातार रोडवेज का घाटा बढ़ता चला जा रहा है।

साल 2022-23 में घाटा बढ़कर 995.92 करोड़ रुपये हो गया है। इससे पहले, 2021-22 में कुल घाटा 931 करोड़ रुपये थे, पिछले साल रोडवेज को कुल 64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 के वित्तीय वर्ष में यह घाटा 447 करोड़ रुपये था। पिछले नौ साल में 548 करोड़ रुपये का घाटा बढ़ा है जो औसतन 60 करोड़ रुपये प्रति साल बनता है साल 2014 -15 में रोडवेज की कुल प्राप्तियां 37.22 रुपये प्रति किलोमीटर के मुकाबले 26.89 रुपये प्रति किलोमीटर रहीं थी। इसी तरह, 2021-22 में रोडवेज ने प्रति किमी 38.56 रुपये प्राप्तियां अर्जित की, जबकि खर्च बढ़कर 73.45 रुपये प्रति किलोमीटर रहा था।

घाटे से उबरने की उम्मीद

सरकार ने रोडवेस बसों में ई टिकटिंग लागू की है। इससे गड़बड़ी रुकेगी और आय बढ़ने के आसार हैं। दूसरा, छह जिलों में पायलट आधार पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) का प्रयोग शुरू किया गया है, इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, गड़बड़ी रोकने के लिए बसों में सेंसर प्रणाली (आरएलडीएस) को लागू करने का भी प्रस्ताव दिया है।

बसें प्रति दिन 8.88 लाख किमी की दूरी करती हैं तय

रोडवेज के पास इस समय 3143 बसों का बेड़ा है। इन में बसों में औसतन रोजाना 8.88 लाख किमोमीटर की दूरी तय करती हैं साथ ही औसतन रोजाना 5.15 लाख यात्री यात्रा करते हैं। 2021-22 में, रोडवेज बसों की दैनिक सकल दूरी 6 लाख किमी थी और दैनिक यात्रियों की संख्या 4 लाख से अधिक थी। इसके अलावा, 2200 और बसें बेड़े में शामिल करने की योजना है।

घाटे से उबरने की उम्मीद... सरकार ने रोडवेस बसों में ई टिकटिंग लागू की है। इससे गड़बड़ी रुकेगी और आय बढ़ने के आसार हैं। दूसरा, छह जिलों में पायलट आधार पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) का प्रयोग शुरू किया गया है, इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, गड़बड़ी रोकने के लिए बसों में सेंसर प्रणाली (आरएलडीएस) को लागू करने का भी प्रस्ताव दिया है।

घाटे को लेकर क्या कहना है परिवहन मंत्री का

इस मसले पर परिवहन मंत्री का कहना है कि हरियाणा रोडवेज नफे और नुकसान के लिए नहीं है, यह आम जनता की जरूरत के लिए चलाई जा रही है। राजस्व घाटे को रोकने के लिए अभी ई. टिकटिंग लागू की है. इससे गड़बड़ी रूकेगी, साथ ही आय भी बढ़ेगी। घाटे का कारण बीच में कोरोना काल और आंदोलन रहे हैं. इससे रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले आठ साल में किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, ताकि जनता को सस्ते दामों पर परिवहन मुहैया हो सके।

घाटे के कारण

42 श्रेणियों में मुफ्त यात्रा की सुविधा से रोजवेज पर वित्तीय बोझ बढ़ता है।

60 साल तक के वरिष्ठ लोगों को 50 प्रतिशत रियायत के साथ किराये में छूट।

पिछले 8 साल किराया बढ़ाने के कई प्रस्ताव बने, लेकिन सरकार ने पास नहीं किए

डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इसके प्र मुकाबले खर्च कम नहीं लि हुए

Tags:
Next Story
Share it