4 दर्जन ट्रैक्टर नदी से कर रहे रेत चोरी, 300 रूपये प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे रेत, खनिज विभाग के अधिकारियों को भनक तक नहीं

यहां एक माफिया समूह ट्रैक्टरों के माध्यम से रात-दिन रेत चोरी कर रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों की अज्ञानता इस समस्या को और बढ़ा रही है।

4 दर्जन ट्रैक्टर नदी से कर रहे  रेत चोरी, 300 रूपये प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे रेत, खनिज विभाग के अधिकारियों को भनक तक नहीं
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4 दर्जन ट्रैक्टर नदी से कर रहे रेत चोरी, 300 रूपये प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे रेत, खनिज विभाग के अधिकारियों को भनक तक नहीं

घुटकू गाँव, जो शहर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है, अवैध रूप से रेत उत्खनन की समस्या से जूझ रहा है। यहां एक माफिया समूह ट्रैक्टरों के माध्यम से रात-दिन रेत चोरी कर रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों की अज्ञानता इस समस्या को और बढ़ा रही है। इस प्रकार के अवैध गतिविधि के कारण रेत चोरों का आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है।





यह समस्या घुटकू गाँव के अलावा कोनी, लोखंडी, तुरकाडीह, लोफंदी, निरतू और अन्य क्षेत्रों में भी देखी जा रही है। बरसाती मौसम में, जब रेत घाट बंद होते हैं, तो अवैध रेत उत्खनन भी रुक जाता है। लेकिन घुटकू में इस समय भी दिनचर्या के दौरान 4 दर्जनों से अधिक ट्रैक्टर नदी में लगे हुए हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि नदी के पानी का स्तर कम हो गया है और माफिया अवैध रूप से रेत चोरी कर रहा है। खनिज विभाग का ध्यान इस मामले में अभी तक नहीं जाग्रत हुआ है। इस प्रकार, रेत चोरों का आत्मविश्वास बढ़ गया है और उनकी हौसले बुलंद हो गए हैं।





अवैध रेत उत्खनन पर प्रतिबंध: कानून और अधिकारियों की लापरवाही

15 जून से 15 अक्टूबर तक, नदी से रेत निकालना प्रतिबंधित है। यह नियम बिलासपुर जिले में ही लागू होता है, जबकि घुटकू गाँव में यह नियम कागजों तक ही सीमित है। यहां प्रतिदिन 300 रुपये की राशि वसूली भी की जा रही है। जब लोकस्वर की टीम मौके पर पहुंची, तो पैसा वसूल कर रहे युवक ने बताया कि ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के द्वारा ही यहां अवैध खनन कराया जा रहा है।

रसूखदारों के कारण खनिज विभाग के अधिकारी दबाव में रहते हैं और इसलिए कभी बड़ी कार्रवाई नहीं करते हैं। रसूखदार विभाग के अफसरों के साथ मिलकर ही रेत खनन किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, अवैध रेत का उत्खनन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। घुटकू गाँव में रेत घाट की मान्यता नहीं है, लेकिन यहां प्रतिदिन 24 घंटे अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। यहां रेत माफिया सुबह से लेकर रात तक ट्रैक्टरों में भरकर उठा ली जाती है और उन्होंने इसे बाजारों में उचित मूल्यों में बेच दिया है। खनिज विभाग के अधिकारियों तक यह खबर तक नहीं पहुंची है।

रसूखदारों की वजह से खनिज विभाग के अधिकारी दबाव में रहते हैं। इसके चलते कभी बड़ी कार्रवाई नहीं करते। रसूखदार विभाग के अफसरों से मिलिभगत कर ही रेत खनन करते हैं। प्रतिदिन रेत का अवैध उत्खनन और अधिक होने लगा है। जबकि घुटकू रेत घाट स्वीकृत नहीं हैं। लेकिन वहां प्रतिदिन 24 घंटे रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां रोज सुबह रेत माफिया ट्रैक्टर लेकर पहुंच जाते हैं और रेत लेकर औने पौने दामों में बाजारों में खपा रहे है।लेकिन खनिज विभाग के अधिकारियों के कानों में जु तक नही रेग रहा है।

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