शराब सस्ती होने के कारण नई शराब नीति हरियाणा के लिए बनी चुनौती, जानिए क्या फैसला लेंगे सीएम खट्टर और दुष्यंत चौटाला

शराब सस्ती होने के कारण नई शराब नीति हरियाणा के लिए बनी चुनौती, जानिए क्या फैसला लेंगे सीएम खट्टर और दुष्यंत चौटाला
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Khetkhajana

शराब सस्ती होने के कारण नई शराब नीति हरियाणा के लिए बनी चुनौती, जानिए क्या फैसला लेंगे सीएम खट्टर और दुष्यंत चौटाला

हरियाणा में अब लगातार दो दिनों तक मंत्रिमंडल की बैठकें होंगी। 9 मई को पहले से बैठक तय थी, लेकिन अब 8 मई का दिन भी बैठक के लिए निर्धारित किया गया है। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए कुछ राहत भरे फैसले लिए जा सकते हैं। नई शराब नीति को भी मंजूरी दी जा सकती है। हालांकि, अभी तक नई शराब नीति को लेकर अधिकारियों के पसीने छूटे हुए हैं। पंजाब और दिल्ली में आप की सरकार होने और वहां पर शराब सस्ती होने के चलते नई शराब अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे। नीति हरियाणा के लिए चुनौती बनी इसके बाद ही नीति को अंतिम रूप नीति हरियाणा के लिए चुनौती बनी हुई है। क्योंकि हरियाणा चारों तरफ से दिया जाएगा।

आबकारी नीति जून हिमाचल, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और माह में खत्म होगी। इससे पहले नई राजस्थान से भी घिरा है, ऐसे में नई  शराब नीति सभी प्रदेशों की नीति को देखते हुए बनाई जा रही है। नई शराब सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। अब खुद सीएमओ ने इस मामले में कमान संभाल ली है। पालिसी को लेकर खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार शाम को सीएम आवास पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और आबकारी अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे। नीति हरियाणा के लिए चुनौती बनी इसके बाद ही नीति को अंतिम रूप दिय जाएगा आबकारी नीति जून माह में खत्म होगी इससे पहले नई नीति को मंजूरी देना है

रिकार्डतोड़ बढ़ा है राजस्व

2019-20 में 4.8% वृद्धि के नीति के लिए दो माह से गठित आठ साथ 6,361.20 करोड़ खजाने में जमा हुए। 2020-21 में 6.69% के साथ 6,786 करोड़, 2021- 22 में 16.94 % की वृद्धि के साथ 7,936 करोड़ और चालू वर्ष में 23% की वृद्धि के साथ 10 हजार करोड़ खजाने में आए।

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