अब हरियाणा के पुलिसकर्मियों का बढ़ेगा कार्यभार, प्रदेश में पटवारी जैसी भूमिका में नजर आएंगे पुलिसकर्मी, यह भी रखनी होगी जानकारी

अब हरियाणा के पुलिसकर्मियों का बढ़ेगा कार्यभार, प्रदेश में पटवारी जैसी भूमिका में नजर आएंगे पुलिसकर्मी, यह भी रखनी होगी जानकारी
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अब हरियाणा के पुलिसकर्मियों का बढ़ेगा कार्यभार, प्रदेश में पटवारी जैसी भूमिका में नजर आएंगे पुलिसकर्मी, यह भी रखनी होगी जानकारी

खेत खजाना: अब प्रदेश के पुलिसकर्मी पटवारी जैसी भूमिका में नजर आएंगे। वह अपने क्षेत्र के गांव वार्ड की समस्त जानकारी को रजिस्टर और कंप्यूटर में अपडेट रखेंगे। पुलिसकर्मी अपने क्षेत्र के गांव - वार्ड की लोकेशन, जनसंख्या, मतदाताओं की संख्या, शिक्षित और अशिक्षित और रोजगार व बेरोजगार के साथ ही धार्मिक स्थलों व सीमा पर पड़ने वाले क्षेत्र की पूर्ण जानकारी रखनी होगी। वह कानून व्यवस्था बनाए रखने व अपराध नियंत्रण के साथ ही 75 साल से अधिक आयु के महिला-पुरुषों और नाबालिग अनाथ बच्चों का रिकार्ड रखेंगे। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जारी आदेशों पर अब कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

यह है स्थिति : कार्यभार अधिक होने से पुलिसकर्मी रुटीन वर्क में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में वह न तो जनता के संपर्क में रहते हैं, न नियमित संवाद कर पाते हैं। पुलिस और जनता का सामजस्य टूट रहा है। महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं मिल पाती। युवक नशे में पड़कर अपराधी बन रहे हैं। गांव वार्ड में अपराधी असामाजिक तत्व छिप जाते हैं और पुलिस को जानकारी नहीं मिल पाती।

यह है योजना : थानों-चौकियों पर तैनात पुलिसकर्मियों को गांव व वार्ड गोद दिए जा रहे हैं। इनको पुलिस प्रहरी का नाम दिया गया है। वह गांवों के सामाजिक व असामाजिक छवि के लोगों की जानकारी तैयार करेंगे। ग्रामीणों को पुलिस गुप्तचर विभाग के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे। जाति-धर्म के आधार पर जनसंख्या काटा जुटाएंगे। शस्त्र लाइसेंस, जमीन की शत्रुता और पार्टीबाजी वाले परिवारों की सूची तैयार करेंगे।

यह भी रखनी होगी जानकारी

पुलिसकर्मियों को अपने वीट क्षेत्र की जनसंख्या, महिलाओं-पुरुषों व बच्चों की संख्या, शैक्षिक व रोजगार का स्तर, मतदाताओं की संख्या, धार्मिक स्थल, खेती- कारोबार, शिक्षित- अशिक्षित और पढ़ाई छोड़ने वालों का रिकार्ड अपडेट रखना होगा। क्षेत्र के प्रमुख लोगों के मोबाइल नंबर, शिक्षण संस्थानों, अखाड़ों व हास्टल की जानकारी रखनी होगी। अपने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी और 75 साल से ज्यादा आयु वाले बुजुर्गों व नाबालिग अनाथों का डाटा रखना होगा। साथ ही लोगों की कमाई के आधार पर आर्थिक स्तर का रिकार्ड भी रखना होगा।

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