मूसलाधार बारिश से डूबे 7 गांव, हुए टापू में तब्दील, लोग भागने को मजबूर, आने वाले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट

आवागमन करने ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर बाइक को कंधे पर उठाकर पार कर रहे हैं। नदी में एक ट्रैक्टर भी फंसा हुआ है।

मूसलाधार बारिश से डूबे 7 गांव, हुए टापू में तब्दील, लोग भागने को मजबूर, आने वाले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट
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खेतखाजाना

मूसलाधार बारिश से डूबे 7 गांव, हुए टापू में तब्दील, लोग भागने को मजबूर, आने वाले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट

मानसून की धमक के साथ सोंदूर नदी में तेज धार चलने लगी है। रिसगांव सहित करीब 7 गांवों का ब्लाक मुख्यालय से संपर्क कट गया है। बारिश थमने के बाद नदी में पानी का लेवल कम हो गया है। फिर भी इन गांवों का रास्ता ब्लाक है। आवागमन करने ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर बाइक को कंधे पर उठाकर पार कर रहे हैं। नदी में एक ट्रैक्टर भी फंसा हुआ है।

जिले में भले ही बारिश ज्यादा नहीं हुई है लेकिन जिले से लगे उड़िसा में मूसलाधार बारिश हुई है। इस बारिश के असर से सोंढूर नदी उफान पर आ गई। अब पानी का स्तर कम हुआ है लेकिन नदी में पानी का बहाव तेज है, जिसके चलते धमतरी जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम रिसगांव, करका, जोरातराई, गादुलबहारा, मासूकोई, आमाबहार

टापू में तब्दील हो गए हैं। ये सभी गांव टाइगर रिजर्व क्षेत्र के हैं। यहां के ग्रामीण लंबे समय से इस नदी में पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन रिजर्व फारेस्ट होने के कारण यहां पर पुल बनाने की स्वीकृति नहीं मिली है। हर बारिश में ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अस्पताल, कृषि कार्य शिक्षा सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिए ब्लाक मुख्यालय जाना पड़ता है। सोंढूर नदी में बाढ़ आने से उन्हें बाइक को उठाकर नदी से पार करना पड़ता हैं।

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