9 बेटियों ने श्मशान तक चलकर पिता को दी मुखाग्नि, अर्थी को कंधा दिया तो रो पड़ा हर कोई, नहीं था कोई भाई

9 बेटियों ने श्मशान तक चलकर पिता को दी मुखाग्नि, अर्थी को कंधा दिया तो रो पड़ा हर कोई, नहीं था कोई भाई
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9 बेटियों ने श्मशान तक चलकर पिता को दी मुखाग्नि, अर्थी को कंधा दिया तो रो पड़ा हर कोई, नहीं था कोई भाई

khet khajana: New Delhi, मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दिल छू लेने वाला घटना हुआ है. एक पुलिस एएसआई के निधन पर उनकी 9 बेटियों ने उन्हें बेटों की तरह अंतिम संस्कार दिया है. इन बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया, मुखाग्नि दी और शमशान घाट तक उनके साथ रही हैं. यह दृश्य देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए हैं.

इन बेटियों का नाम है अनीता, तारा, जयश्री, कल्पना, रिंकी, गुड़िया, रोशनी और दुर्गा. इनमें से 7 की शादी हो चुकी है और 2 अविवाहित हैं. इनके पिता हरिश्चंद्र अहिरवार वार्ड क्रमांक 17 के 10वीं बटालियन क्षेत्र निवासी थे. उनका सोमवार को ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया था. उनका कोई बेटा नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी बेटियों को बेटों की तरह पाला और पोषा था. उनकी बेटियां भी उनसे बहुत प्यार करती थीं और उनका सम्मान करती थीं.

बुंदेलखंड में बेटियों और महिलाओं का शमशान घाट जाना वर्जित माना जाता है. लेकिन इन बेटियों ने इस परंपरा को तोड़कर अपने पिता को अंतिम विदाई दी है. इन्होंने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और उनके साथ शमशान घाट तक चलीं. वहां पर इन्होंने अपने पिता को मुखाग्नि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इस दृश्य को देखकर लोगों को इन बेटियों का साहस और प्रेम देखकर गर्व महसूस हुआ है.

इन बेटियों ने अपने कार्य से एक संदेश दिया है कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं. वे भी अपने परिवार का सहारा और सम्मान हैं. वे भी अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं. वे भी अपने पिता के लिए बेटों का फर्ज निभा सकती हैं. इन बेटियों ने बेटियों की शक्ति और महिमा को दिखाया है.

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