क्या सरकार और अधिकारी कर्मचारियों को आंदोलन में मजबूर कर रहे हैं: देवेंद्र हुड्डा का आरोप

हरियाणा पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी यूनियन के चेयरमैन देवेंद्र हुड्डा ने सरकार और निगम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं

क्या सरकार और अधिकारी कर्मचारियों को आंदोलन में मजबूर कर रहे हैं: देवेंद्र हुड्डा का आरोप
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हरियाणा पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी यूनियन के अधिकारियों का दावा है कि सरकार और निगम के अधिकारी कर्मचारियों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस लेख में हम इस मुद्दे को गहराई से समझेंगे और देवेंद्र हुड्डा के विचारों का पर्याप्त अध्ययन करेंगे।

देवेंद्र हुड्डा का आरोप:

हरियाणा पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी यूनियन के चेयरमैन देवेंद्र हुड्डा ने सरकार और निगम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 28 सितंबर 23 को बिजली मंत्री ने यूनियन की वार्ता समिति के साथ बातचीत की, लेकिन मीटिंग में अधिकारी एसीएसई के सिंह ने यूनियन के मांगपत्र को उपहास का पात्र बनाया। देवेंद्र हुड्डा के अनुसार, सरकार और निगम के अधिकारी कर्मचारियों के साथ अव्यवहारिक व्यवहार करके उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

यूनियन की मांगें:

यूनियन ने अपनी 16 मांगों को मीटिंग में प्रस्तुत किया है, और इन मांगों में बिजली कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान, विभाग को बचाने की मांग, भ्रष्टाचार को रोकने की मांग, और जनहित में बिजली उत्पादन को बढ़ाने की मांग शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम से बाहर रखने, ईएसआई सेवा से बाहर होने पर उनके परिवार को स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग भी की है। यूनियन के मुताबिक, वेतन और भत्ते को पक्के कर्मचारियों के समान देने की मांग भी की जा रही है, और पहले 5 वर्ष और अंतिम 6 वर्ष की शर्त को हटाने की मांग है। उन्होंने बिजली दुर्घटनाओं को शून्य पर लाने की मांग और वर्क लोड के अनुसार कम से कम 70000 नियमित कर्मचारियों की भर्ती करने की मांग भी की है। इसके अलावा, एनपीएस में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा देने की मांग और किसी भी काडर को डिमिनिशिंग काडर में नहीं डालने की मांग है।

प्रदर्शन की व्यवस्था:

यूनियन के अधिकारी देवेंद्र हुड्डा और उप राज्य प्रधान अविनाश चंद्र ने सरकार और निगम के खिलाफ कर्मचारियों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में सिरसा में महा पड़ाव लघु सचिवालय में आयोजित किया गया था। कर्मचारी नेता चेयरमैन देवेन्द्र हुड्डा और अविनाश चंद्र ने सरकार और निगम के खिलाफ कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया और उन्होंने यह भी कहा कि वे कर्मचारियों के साथ खड़े हैं ताकि उनकी मांगों को पूरा किया जा सके।

क्या है यूनियन के मुद्दे?

यूनियन के मुद्दे विभिन्न प्रकार के हैं, जिनमें सरकार और निगम के साथ कर्मचारियों की बेहतर सुविधाएं और अधिक सुरक्षा की मांग शामिल हैं। इसके अलावा, यूनियन का मुख्य मुद्दा यह है कि सरकार और निगम कर्मचारियों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसका समर्थन देवेंद्र हुड्डा और अविनाश चंद्र कर रहे हैं।

क्या ये परिस्थितियाँ कैसे उत्पन्न हुईं?

ये सभी मुद्दे कैसे उत्पन्न हुए, इसका सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है। देवेंद्र हुड्डा के अनुसार, बिजली मंत्री के साथ हुई वार्ता समिति में अधिकारी कर्मचारियों ने यूनियन की मांगों को उपेक्षित किया और उन्हें उपहास का पात्र बनाया। इसके बाद, कर्मचारियों ने प्रदर्शन का आयोजन किया ताकि उनकी मांगों को सुना जा सके।

सरकार की पक्ष से क्या कहा जा रहा है?

इस विवाद के परिप्रेक्ष्य में, सरकार या निगम का पक्ष क्या है, यह भी महत्वपूर्ण है। हमें उनके दिशा-निर्देशों को भी समझना चाहिए ताकि हम विवाद के सभी पहलुओं को समझ सकें।

निष्कर्ष:

इस लेख में, हमने देवेंद्र हुड्डा के आरोपों और हरियाणा पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी यूनियन की मांगों को विस्तार से समझाने का प्रयास किया है। इस विवाद के पीछे की कहानी को समझने के लिए हमने यूनियन की मांगों और सरकार के पक्ष की दोनों दिशाओं को देखा है। इसके बाद, पढ़ने वालों को इस विवाद के सभी पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी और वे खुद निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

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