बीटेक इंजीनियर नौकरी छोड़ बना रहा मिट्टी के बर्तन, नॉन स्टिक बर्तन भी हुए फेल, सीएम खट्टर बने बर्तनों के मुरीद

नीरज शर्मा जो कि एक बीटेक इंजीनियर है ये नौकरी छोड़ ऑनलाइन बर्तन बेच मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। हर कोई इनके बनाए हुए बर्तन खरीद रहा है इन्होंने इस काम के लिए खुद ही नहीं बल्कि गांव के अन्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया है।

बीटेक इंजीनियर नौकरी छोड़ बना रहा मिट्टी के बर्तन, नॉन स्टिक बर्तन भी हुए फेल, सीएम खट्टर बने बर्तनों के मुरीद
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खेतखाजाना

बीटेक इंजीनियर नौकरी छोड़ बना रहा मिट्टी के बर्तन, नॉन स्टिक बर्तन भी हुए फेल, सीएम खट्टर बने बर्तनों के मुरीद

नीरज शर्मा जो कि एक बीटेक इंजीनियर है ये नौकरी छोड़ ऑनलाइन बर्तन बेच मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। हर कोई इनके बनाए हुए बर्तन खरीद रहा है इन्होंने इस काम के लिए खुद ही नहीं बल्कि गांव के अन्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया है।

आजकल हर किसी के रसोई में नॉन स्टिक बर्तनों की भरमार पड़ी है। हर कोई स्टील व नॉन स्टिक बर्तनों की खरीद कर रहा है क्योंकि यह खरीदने में सस्ते और यूज करने में काफी आसान होते हैं लेकिन इनके नुकसान नहीं जानते होंगे आप, नॉन स्टिक बर्तनों से निकलने वाला केमिकल शरीर में प्रवेश कर गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। इसी बात को गंभीरता से लेते हुए इस बीटेक इंजीनियर ने नौकरी छोड़ मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू कर दिया उनके द्वारा शुरू किये गए इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है।

बाजार में मिट्टी के बर्तनों की मांग इतनी बढ़ रही है। इसे बनाने का बिजनेस भी उतना तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन देश की ज्यादातर जगहों में बंद रहे मिट्टी के बर्तनों को कोई कुम्हार नहीं बल्कि मशीनें तैयार कर रही हैं।





मिट्टी, आप और मैं' नाम से नीरज ने अपना व्यवसाय शुरू किया। जब नीरज को लगा कि मार्केट में केमिकल लगे हुए मिट्टी के बर्तन धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं या फिर डाई में सेट करके आधुनिक तरीके से मिट्टी में केमिकल डालकर बर्तन बनाए जा रहे हैं। जो लोगों के स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। तो उसने कैमिकल फ्री और बार बार इस्तेमाल होने वाले मिट्टी के बर्तन बनाने की ठानी।





नीरज शर्मा वैसे तो एक बीटेक इंजीनियर है, लेकिन पिछले 3 सालों से वह अपने गांव में रहकर ही काम कर रहे हैं। वह केमिकल और डाई मोल्ड के बिना पारंपरिक चाक किधर गया बर्तन बनाते हैं जिस बर्तन में खाना बनाने से मिट्टी के करीब 18 पोषक तत्व खाने के अंदर खुल जाते हैं और हमारे शरीर में होने वाली बीमारियों से हमें बचाते हैं।

नीरज शर्मा का कहना है कि आमतौर पर मिट्टी के बर्तन जल्दी टूट जाते हैं, लेकिन अगर कारीगर सही हो और सही ढंग से इसे बनाया जाए तो यह लंबे समय तक चलते हैं और बार बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं। नीरज शर्मा ऑनलाइन इन बर्तनों को बेचते हैं।


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