चीनी स्टार्टअप ने बनाई शक्तिशाली बैटरी, जो 50 सालों तक बिना चार्जिंग के करेगी काम

चीनी स्टार्टअप ने बनाई शक्तिशाली बैटरी, जो 50 सालों तक बिना चार्जिंग के करेगी काम
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चीनी स्टार्टअप ने बनाई शक्तिशाली बैटरी, जो 50 सालों तक बिना चार्जिंग के करेगी काम

खेत खजाना : नई दिल्ली, चीन के एक स्टार्टअप ने एक नई प्रकार की बैटरी विकसित की है जो उम्मीद है कि 50 सालों तक बिना किसी चार्जिंग या रखरखाव के काम करेगी। बीटावोल्ट नामक इस कंपनी ने इस नई प्रौद्योगिकी को दुनिया को प्रस्तुत किया है, जिसे प्राइमरी पावर सोर्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस नई परमाणु बैटरी को विकसित करने वाली बीटावोल्ट कंपनी ने दावा किया है कि इसमें 63 आइसोटोप होते हैं और यह सिर्फ एक सिक्के के आकार का है। इसका आकार 15 x 15 x 5 मिलीमीटर है, जिससे यह बहुत छोटा है और इसे विभिन्न अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस बैटरी की विशेषता यह है कि यह 120 डिग्री सेल्सियस के टेम्प्रेचर पर भी काम कर सकती है, जिससे इसे उच्च तापमान वाले जगहों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा, बीटावोल्ट ने बताया है कि यह बैटरी विकिरण से मानव शरीर को कोई खतरा नहीं पहुंचाती और इसलिए चिकित्सा उपकरणों में भी सुरक्षितीपूर्वक इस्तेमाल की जा सकती है।

इस बैटरी की तकनीक में उपयोग की जाने वाली आइसोटोप तकनीक है, जिसमें बैटरी में शामिल किए गए आइसोटोप से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। यह ऊर्जा फिर बिजली में परिवर्तित की जाती है जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने के लिए इस्तेमाल हो सकती है।

इस नई प्रौद्योगिकी को बीटावोल्ट ने तैयार करने में कई वर्षों का समय लगाया है और इसे विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकने की योजना बना रहा है। इसमें एक स्तरित डिज़ाइन भी है, जिससे बैटरी को अचानक बल के कारण होने वाली आग लगने या विस्फोट से बचाया जा सकता है।

इसके अलावा, बीटावोल्ट ने बताया कि बैटरी -60 डिग्री सेल्सियस से लेकर 120 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम कर सकती है, जिससे यह विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में भी उपयोग की जा सकती है।

बीटावोल्ट कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कहा, "बीटावोल्ट परमाणु ऊर्जा बैटरियां एयरोस्पेस, एआई उपकरण, चिकित्सा उपकरण, माइक्रोप्रोसेसर, उन्नत सेंसर, छोटे ड्रोन और माइक्रो-रोबोट जैसे कई परिदृश्यों में लंबे समय तक चलने वाली बिजली आपूर्ति की जरूरतों को पूरा कर सकती हैं।"

इस परमाणु बैटरी के बारे में सुनकर, यह स्पष्ट है कि चीन ने एक बड़ा कदम और एक नई ऊर्जा क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके प्रमोटर्स का दावा है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है और इसमें कोई हानिकारक रेडियोएक्टिव आइसोटोप नहीं होता, जिससे यह एक स्थायी और सुरक्षित ऊर्जा स्रोत बन सकती है।

इस प्रौद्योगिकी को लेकर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में चीन की आगे की प्रगति की जानकारी के बावजूद, इस बैटरी की वाणिज्यिक उपयोगिता और इसके व्यापक इस्तेमाल की सीमा के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध होना महत्वपूर्ण है।

इस बैटरी की सफलता से मिलेगा कि आगे चलकर हम ऊर्जा संग्रहण और उपयोग के क्षेत्र में और भी नई और शक्तिशाली प्रौद्योगिकियों का सामना कर सकते हैं, जिससे हमारी ऊर्जा संवर्धन और तकनीकी प्रगति में वृद्धि हो सके।

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