राजस्थान में लागू हुई आचार संहिता, अब फ्री मोबाइल नहीं मिलेंगे ? जानिये किन किन कामों पर लगी रोक

राजस्थान में लागू हुई आचार संहिता, अब फ्री मोबाइल नहीं मिलेंगे ? जानिये किन किन कामों पर लगी रोक
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राजस्थान में लागू हुई आचार संहिता, अब फ्री मोबाइल नहीं मिलेंगे ? जानिये किन किन कामों पर लगी रोक

खेत खजाना: जयपुर, राजस्थान में आचार संहिता के लागू होने के बाद, सरकारी विभागों, अधिकारियों, और सारे राज्य में नए नियमों के पालन का महत्वपूर्ण हो जाएगा। इस लेख में, हम आपको राजस्थान के आचार संहिता के प्रमुख प्रावधानों और नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे, और यहां हम उन बदलावों की चर्चा करेंगे जो इस नए आदेश के साथ आएंगे।

राजस्थान में आचार संहिता क्या है?

राजस्थान में आचार संहिता एक ऐसा नियम है जिसका मुख्य उद्देश्य विभागीय और आपकी अनुमति के बिना नई योजनाओं की घोषणा करने से रोकना है। इसके अलावा, यह आदेश सरकार के कर्मचारियों के साथ सांसदों और विधायकों के लिए विमान और हेलीकॉप्टर के उपयोग को भी नियमित करता है। आचार संहिता का पालन आयोग के कर्मचारियों के लिए भी अनिवार्य है जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान कार्य करते हैं।

राजस्थान में आचार संहिता के मुख्य प्रावधान:

राजस्थान के आचार संहिता में कुछ मुख्य प्रावधान हैं जो निम्नलिखित हैं:

नए योजनाओं की घोषणा: आचार संहिता के तहत, सरकार को चुनावी आयोग की अनुमति के बिना नई योजनाओं की घोषणा करने से बचना होगा। इसका मतलब है कि अब सरकार को लंबित योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अधिक सावधानी बरतनी होगी।

विमान और हेलीकॉप्टर का उपयोग: आचार संहिता के तहत, सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक सरकारी विमान और हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं कर सकते। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी संसाददारी के दौरान सवारी करने का उपयोग सिर्फ आवश्यक स्थितियों में ही किया जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान: आचार संहिता ने बड़े पैमाने पर सरकार के विभागों, अधिकारियों और कर्मचारियों की आवश्यकताओं के साथ विचार किया है। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस और महंगाई भत्ता लागू करने के लिए भी चुनाव आयोग के आदेश की आवश्यकता होगी।

राजस्थान में आचार संहिता के बाद क्या होगा?

राजस्थान में आचार संहिता के लागू होने के बाद, सरकारी कर्मचारियों के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे इसके प्रावधानों का पालन करें। अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह कार्रवाई उनके चुनावी प्रतिष्ठान को प्रभावित कर सकती है, और वे चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं।

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