Dera: रक्तदान के लिए आज भी दुनिया में सिरमौर है सिरसा, 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट रक्तदान कर बचाया असंख्य लोगों का जीवन

2022 तक डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट रक्तदान कर बचाया असंख्य लोगों का जीवन

Dera: रक्तदान के लिए आज भी दुनिया में सिरमौर है सिरसा, 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट रक्तदान कर बचाया असंख्य लोगों का जीवन
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खेत खजाना, सिरसा। जिदंगी में उस वक्त बड़ा सुकून पाते है, जब किसी जरूरतमंद को देकर खून आते है...। आज विश्व रक्तदान दिवस है और ये पंक्तियां डेरा सच्चा सौदा के रक्तदानियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए ट्रयू ब्लड पंप के नाम से दुनिया भर में चर्चित डेरा सच्चा सौदा के रक्तदानी बिना किसी स्वार्थ और बिना पैसे लिए अनजान लोगों के लिए ब्लड डोनेट कर रहे हैं। बात आंकड़ों की करें तो साल 2022 तक डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट रक्तदान कर असंख्य लोगों का अमूल्य जीवन बचा चुके हैं। यानी 4 लाख 39 हजार 982 लीटर रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा 2007 में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में बने पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में अब तक एक लाख 77 हजार 822 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा का नाम चार बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुका है।


- रक्तदान के लिए आज भी दुनिया में सिरमौर है सिरसा

जब चर्चा रक्तदान सहित समाज भलाई कार्यों की हो तो सिरसा का नाम ना आए, ये नामुमकिन है। क्योंकि रक्तदान के क्षेत्र सिरसा आज भी विश्व में सिरमौर बना हुआ है। डेरा सच्चा सौदा के डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने रक्तदान को लेकर जो रीत चलाई आज सारा देश उसका अनुसरण कर रहा है। खास पहलू तो यह है कि यहां के रक्तदाताओं को चलते फिरते ट्रयू ब्लड पंप की उपाधि मिली हुई है, जो जब भी, जहां भी, किसी को जरूरत पड़ती है, वहां रक्तदान करने के लिए पहुंच जाते है। इसके अलावा हर तीन महीने के पश्चात डेरा अनुयायी रक्तदान जरूर करते है। बच्चों, खुद व परिवार में किसी का जन्मदिन, परिवार में आने वाले खुशी-गम के सुअवसरों को भी डेरा श्रद्धालु रक्तदान करके मनाते है। इसके अलावा भारतीय सेना, पुलिस प्रशासन, थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज व देश का चौथा स्तंभ पत्रकार समाज को निरंतर रक्त उपलब्ध करा रहा है। रक्तदान की जो अलख पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी ने जगाई थी उसका नतीजा है कि आज देश में रक्त के अभाव में होने वाली मौतों में कमी आयी है।

- डेरा के रक्तदान के क्षेत्र में बनाए विश्व कीर्तिमानों की वजह से दुनिया में प्रसिद्ध है सिरसा के रक्तदानी


रूहानियत की असीम आस्था का केंद्र सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का नाम चार बार रक्तदान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। सबसे पहले 7 दिसंबर 2003 को शाह सतनाम जी धाम सिरसा में आयोजित रक्तदान कैंप में 15432 यूनिट रक्तदान किया गया। जो रक्तदान के लिए डेरा सच्चा सौदा का पहला गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड है। दूसरा 10 अक्टूबर 2004 को राजस्थान में पूज्य गुरु जी की पावन जन्मस्थली श्री गुरुसर मोडिया में लगाए गए कैंप में 8 घंटे में 17921 यूनिट रक्तदान हुआ, वह भी वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ है। 8 अगस्त 2010 को पूज्य गुरु जी के 43 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शाह सतनाम जी धाम सिAसा के सचखंड हाल में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 43732 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया जो कि डेरा सच्चा सौदा का रक्तदान के क्षेत्र में तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त रक्तदान के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए 24 नवम्बर 2013 को 10,563 लोगों ने विशालकाय रक्त बूंद का डिजाइन बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

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