इजराइल में नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय श्रमिकों को मिलेगी बंपर सैलरी, UP-हरियाणा से युवा हुए सेलेक्ट, सैलरी 1.40 लाख

इजराइल में नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय श्रमिकों को मिलेगी बंपर सैलरी, UP-हरियाणा से युवा हुए सेलेक्ट, सैलरी 1.40 लाख
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इजराइल में नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय श्रमिकों को मिलेगी बंपर सैलरी, UP-हरियाणा से युवा हुए सेलेक्ट, सैलरी 1.40 लाख

नई दिल्ली: इजराइल में नौकरी के अवसर इजराइल में नौकरी करने का सपना देख रहे भारतीय श्रमिकों के लिए एक अच्छी खबर है। भारत सरकार और इजराइल सरकार के बीच हुए एक समझौते के तहत, इजराइल में निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए 10 हजार भारतीय श्रमिकों को भेजा जाएगा। इसके लिए भारतीय श्रमिकों को एक कौशल परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, जिसमें उन्हें अपनी योग्यता और अनुभव का प्रमाण देना होगा।

इजराइल में नौकरी करने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया देश भर में चल रही है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से तो करीब 5.6 हजार लोगों का चयन भी हो चुका है। अब मिजोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश ने भी इस भर्ती अभियान में शामिल होने की इच्छा जताई है। इन राज्यों के श्रमिकों को भी जल्द ही इजराइल के लिए भर्ती की परीक्षा देने का मौका मिलेगा।

इजराइल में नौकरी करने के फायदे इजराइल में नौकरी करने के लिए जाने वाले भारतीय श्रमिकों को कई फायदे मिलेंगे। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि उन्हें बहुत अच्छी सैलरी मिलेगी। इजराइल सरकार इन श्रमिकों को हर महीने 1.37 लाख रुपये से 1.40 लाख रुपये के बीच की सैलरी देगी। इसके अलावा, उन्हें हर महीने 16,515 रुपये का बोनस भी मिलेगा।

इसके साथ ही, इन श्रमिकों को चिकित्सा बीमा, भोजन और आवास की सुविधा भी मुफ्त में मिलेगी। इन श्रमिकों को पांच साल के लिए इजराइल में काम करना होगा, जिसके बाद वे भारत वापस आ सकते हैं। इस दौरान, वे अपने परिवार को भी इजराइल बुला सकते हैं।

इजराइल में नौकरी करने की चुनौतियां इजराइल में नौकरी करने के लिए जाने वाले भारतीय श्रमिकों को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। सबसे बड़ी चुनौती तो यह है कि इजराइल फिलिस्तीन के साथ लगातार युद्ध में जुटा हुआ है। इसके कारण, इजराइल में आतंकवादी हमले और रॉकेट फायरिंग की संभावना बनी रहती है। इससे इन श्रमिकों की सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है।

दूसरी चुनौती यह है कि इजराइल में भारतीय श्रमिकों को अपनी सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को बरकरार रखने में कठिनाई हो सकती है। इजराइल में हिब्रू और अरबी भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें भारतीय श्रमिकों को अभ्यास करना होगा। इसके अलावा, इजराइल में भारतीय खाने, त्योहारों और धार्मिक रीति-रिवाजों की कमी हो सकती है।

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