यहाँ कीटनाशक नहीं,पिलाई जाती है फसलों को शराब, किसानों का कहना - मूंग की फसल को कीड़ों से बचाने का सबसे सस्ता तरीका

वे मुंग की फसल पर 11 लीटर और 16 लीटर की स्प्रे मशीन में 100 एमएल तक देसी और अंग्रेजी शराब मिलाकर छिड़काव करते हैं।

यहाँ कीटनाशक नहीं,पिलाई जाती है फसलों को शराब, किसानों का कहना - मूंग की फसल को कीड़ों से बचाने का सबसे सस्ता तरीका
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खेतखाजाना

यहाँ कीटनाशक नहीं,पिलाई जाती है फसलों को शराब, किसानों का कहना - मूंग की फसल को कीड़ों से बचाने का सबसे सस्ता तरीका

मुंग की फसल भारतीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसे अच्छी पैदावार के लिए विभिन्न तरीकों से बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। मध्य प्रदेश के कुछ किसान इस महत्वपूर्ण फसल की उन्नति के लिए अजीबोगरीब तरीके अपना रहे हैं। इन किसानों ने मुंग के अलावा फसलों पर हल्दी और दूध का भी प्रयोग करना शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य है कीटनाशकों के उपयोग को कम करके प्राकृतिक रूप से उत्पादन बढ़ाना है।





क्या देशी दारू से होगी बेहतर पैदावार?

कुछ किसानों का मानना है कि कीटनाशकों के उपयोग से फसलों को नुकसान होता है और इसलिए वे देशी दारू का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे मुंग की फसल पर 11 लीटर और 16 लीटर की स्प्रे मशीन में 100 एमएल तक देसी और अंग्रेजी शराब मिलाकर छिड़काव करते हैं। उनका मानना है कि शराब छिड़कने से मुंग की फली बगर जाती है, जिससे वह बहुत भरी हुई होती है और पैदावार बढ़ जाती है।

फसलों पर हल्दी और दूध का प्रयोग

मध्य प्रदेश के किसानों का एक अनोखा प्रयोग हल्दी और दूध का उपयोग है, जो मुंग फसल की पैदावार बढ़ाने का मान्यता प्राप्त कर रहा है। हल्दी में प्राकृतिक खाद्य पदार्थ होते हैं जो मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं और पौधों को पोषण प्रदान करते हैं।

नर्मदापुरम जिले में किसानों के लिए मूंग की खेती एक महत्वपूर्ण किसानी व्यवसाय है। यहां के किसान ज्यादातर मूंग, गेंहू और कभी-कभार धान उगाते हैं, लेकिन मूंग की खेती उनकी प्रमुख पसंद है। प्रेमशंकर नामक एक किसान बताते हैं कि मूंग की खेती में कीटनाशक छिड़कने का खर्च हर एकड़ में 100-150 रुपये आता है। देसी शराब से 10-12 रुपये प्रति एकड़ में काम हो जाता है।

कीटनाशक के साथ देशी शराब का उपयोग

कीटनाशक का उपयोग अधिकांशतः इल्लियों के लिए किया जाता है, जो कीटों के द्वारा मूंग की फसल पर हानि पहुंचा सकते हैं। छिड़काव को 40 दिन बाद, फसल बोने के बाद किया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से, कीटनाशक नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं और फसल को खराब होने से बचाते हैं। इसके अलावा, कई किसान देशी शराब और महुए की शराब को पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर रहे हैं।

कीटनाशक से सस्‍ती शराब

बाजार में काई प्रकार की दवाइयां है लकिन में मूंग की फसल के लिए कोरोजन, Amida, Acid, Thaeo, करेंट जैसे कीटनाशक 1200 से 1800 रुपये में 150 mL मिलता है, जबकि देसी शराब 80 रुपये और अंग्रेजी शराब 200 रुपये में 180 ML तक मिल जाती है. पैदावार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ‘मोनो’ एक एकड़ के लिए करीब 360 रुपये की आती है.

मुंग की खेती लिए शराब सस्‍ता विकल्‍प

आपको बता दे की मूंग की फसल में फली भ्रंग, हरा फुदका, माहू और कंबल कीड़ों का डर रहता है. इन्हें मारने के लिए लगभग 800-1000 लीटर की दवाएं आती हैं. ऐसे में किसानों के लिये शराब सस्ता विकल्प है. हालांकि कृषि वैज्ञानिकों की राय जुदा है. वो कहते हैं ऐसा कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं है, जिससे ये बात साबित हो कि शराब कीड़ों के लिए तनाव की वजह बन सकती है. यह उपचार नहीं है.

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