सी. एम. नायाब सैनी के खिलाफ नारेबाजी करने पर पुलिस ने किया सैकड़ो किसानों को गिरफ्तार, दिखाए काले झंडे

पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को नारनौंद के गांव का दौरा कर रहे थे तो गांव नाड़ा व गामड़ा गांव के ग्रामीणों ने उनका जमकर विरोध किया

सी. एम. नायाब सैनी के खिलाफ नारेबाजी करने पर पुलिस ने किया सैकड़ो किसानों को गिरफ्तार, दिखाए काले झंडे
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सी. एम. नायाब सैनी के खिलाफ नारेबाजी करने पर पुलिस ने किया सैकड़ो किसानों को गिरफ्तार, दिखाए काले झंडे

शुक्रवार को रतिया अनाज मंडी में सिरसा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के समर्थन में आयोजित विजय संकल्प रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आगमन को लेकर विभिन्न किसान संगठनों ने उनका विरोध प्रदर्शन किया। पहले से निर्धारित किसानों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री समक्ष विरोध जताने व किसानों से संबंधित प्रश्न पूछने को लेकर किसान संगठनों के एकत्रित हुए सैंकड़ों किसानों को पुलिस प्रशासन ने आखिरकार हिरासत में ले लिया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री के रतिया से प्रस्थान करने के बाद सभी किसानों को रिहा कर दिया गया।

मुख्यमंत्री की रतिया रैली की घोषणा होने के साथ ही विभिन्न किसान संगठनों ने ऐलान कर दिया था कि मुख्यमंत्री के रतिया रैली में पहुंचने पर किसानों के संगठन किसानों के साथ हुई वादाखिलाफी, बाढ़ का मुआवजा न मिलने व किसने की अन्य मांगों को लेकर अपना अपना विरोध जताएंगे।

पुलिस ने जिन किसान संगठनों के किसानों को हिरासत में लिया उनमें वरिष्ठ किसान नेता मनदीप सिंह नथवान, जरनैल सिंह, निर्भय सिंह और गुरप्यार सिंह बड़ा आदि थे। जब पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया तो विभिन्न किसान संगठनों के सैंकड़ों किसानों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

दुष्यंत चौटाला को नारनौंद में किसानों ने काले झंडे दिखाए

पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को नारनौंद के गांव का दौरा कर रहे थे तो गांव नाड़ा व गामड़ा गांव के ग्रामीणों ने उनका जमकर विरोध किया। गांव नाड़ा में किसान उनकी गाड़ी के आगे बैठ गए तो दुष्यंत गाड़ी से उतरकर पैदल ही गांव पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे सवाल पूछे कि जब आप सत्ता में थे तो प्रदेश के किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया। वहीं किसानों की जो मांगें थीं उनको अनदेखा कर सत्ता के मोह में भाजपा सरकार का साथ देते रहे। इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भाजपा व जजपा का पूरी तरह से विरोध किया जाएगा और इनके उम्मीदवारों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। दुष्यंत दूसरी गाड़ी में बैठकर गांव गामड़ा के कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। जैसे ही वह गांव गामड़ा पहुंचे तो वहां ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया और चेतावनी दी कि भाजपा को यमुना पार करने वाले सत्ता के लालच में उनकी गोद में बैठे रहे। जब भाजपा ने उनको बाहर का रास्ता दिखाया तो आज उनको गांव के भोले-भाले लोगों की याद आई।

किसानों ने बताया कि वह एम.एस.पी. की मांग को लेकर दिल्ली में आंदोलन करना चाह रहे थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की सीमाओं पर कंटीली तारें व दीवारें बनाकर एक ही देश में रहने वाले लोगों के लिए बॉर्डर बना दिए ताकि देश व प्रदेश के किसान दिल्ली में न घुस सकें। उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर बॉर्डर बनाए थे और अब किसान इन दोनों पार्टियों के नेताओं के लिए गांव-गांव की सीमाओं में बॉर्डर बनाकर बैठेंगे और इन्हें गांव में घुसने से रोकेंगे।

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