यूपी के ये 39 गांव अब नहीं बेच पायेंगे अपनी खुद की जमीन,यूपी सरकार का बड़ा फैसला,जाने वजह
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित पांच टाउनशिप को बसाना। इसमें कुछ छोटे गांव भी शामिल हैं
लखनऊ: यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, जिसमें 39 गांवों की जमीन की खरीद और बिक्री पर रोक लगाई गई है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित पांच टाउनशिप को बसाना। इसमें कुछ छोटे गांव भी शामिल हैं।
खेती का महत्व
यूपी में खेती का महत्व अत्यधिक है, और खेती किसानों के लिए मुख्य आजीविका स्रोत है। इन 39 गांवों की जमीन की खरीद और बिक्री पर लगाई गई रोक के कारण किसानों को अपनी जमीन को बेचने और खरीदने में परेशानी हो रही है।
नई टाउनशिप की बनाई पेशकश
वाराणसी विकास प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, तहसील और आवास विकास परिषद के कार्यालय ने एनओसी लेने के हकदार होने का आलम्ब किया है। इन गांवों की जमीन पर पांच नई टाउनशिप की बनाई गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य है नगरीयकरण और विकास को गति देना।
किसानों की चिंताएं
भूमि अधिग्रहण के लिए आवास विकास परिषद से नोटिस मिलने के बाद, काश्तकारों ने भी अपनी चिंताओं को व्यक्त करना शुरू किया है। अधिकांश किसान अपनी ज़मीन को नहीं बेचना चाहते क्योंकि वे किसान हैं और उनका परिवार खेती करता है।
सरकार के प्रयास
इस मामले में सरकार और किसानों के बीच बातचीत के प्रयास जारी हैं, ताकि खेती के क्षेत्र में सही समझौता हो सके। कुछ किसान बाजार मूल्य पर अपनी ज़मीन की मांग कर रहे हैं, और उनकी ये मांग सरकार के द्वारा देखी जा रही है।
यूपी सरकार का फैसला 39 गांवों की जमीन की खरीद और बिक्री पर लगाई गई रोक के साथ हुआ है, और इसका मुख्य उद्देश्य नई टाउनशिप की बनाई पेशकश को प्राथमिकता देना है। किसानों और सरकार के बीच चर्चा जारी है, ताकि इस मुद्दे पर सही समझौता किया जा सके और किसानों के हित में सुधार हो सके।