UP के इस किसान ने की सिंदूर की खेती, करोड़ों में आमदनी का प्रयास, बेहद रोचक है इस किसान की कहानी
उत्तर प्रदेश में सिंदूर की खेती: एक किसान की कहानी: सिंदूर, भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण अर्थात सुहागिन महिलाओं के लिए एक आदर्श सांगीतिक सौंदर्य है। हालांकि, आजकल के बाजार में यह बनवाया जा रहा केमिकलयुक्त सिंदूर कई तरह की त्वचा समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के किसान अशोक तपस्वी ने इस समस्या का समाधान निकालकर प्राकृतिक सिंदूर की खेती की है।
अशोक तपस्वी ने 12 साल पहले महाराष्ट्र से वापस आकर अपने पैतृक गांव में जैविक तकनीक से उपजाऊ बनाने के लिए 100 एकड़ बंजर खेत को स्वीकृत किया। उन्होंने सिंदूर के पौधों की खोज में मदद के लिए जंगल में गए और वहां से लाए गए पौधों से 5 से 6 पौधे तैयार किए। जब उनमें फूल खिले, तो उन्हें पता चला कि ये सिंदूर के पौधे हैं। इसके बाद, उन्होंने इसकी खेती शुरू कर दी।
वर्तमान में, उनके खेत में लगभग 400 सिंदूर के पौधे हैं और आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर एक लाख से अधिक पौधे लगाने का प्लान है। उन्होंने बताया कि सिंदूर के पौधे 500 रुपये के रेट पर बिक जाते हैं, और उनकी कमाई अब तक 35 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी है।
सिंदूर की खेती का इस्तेमाल अनेक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि लिपस्टिक, हेयर डाई, नेल पॉलिश, और आयुर्वेदिक उपचारों में इस्तेमाल के लिए। अशोक तपस्वी का मानना है कि प्राकृतिक सिंदूर की ज्यादा डिमांड है और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है, क्योंकि यह सुरक्षित और स्वास्थ्यकर है।
इस सफल किसान की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि नए और अनोखे विचारों के साथ किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।