इस बंदे ने छत पर सोलर पैनल लगवा कर ली मौज, 10,000 रुपए आने वाला बिल घटकर रह गया सिर्फ 1800 रुपए

थोड़ी सी लागत और सब्सिडी के साथ हर कोई सोलर पैनल लगवा महंगी बिजली से छुटकारा पा रहा है

इस बंदे ने छत पर सोलर पैनल लगवा कर ली मौज, 10,000 रुपए आने वाला बिल घटकर रह गया सिर्फ 1800 रुपए
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खेतखाजाना

इस बंदे ने छत पर सोलर पैनल लगवा कर ली मौज, 10,000 रुपए आने वाला बिल घटकर रह गया सिर्फ 1800 रुपए

खेत का किसान हो या शहर का उद्योगपति, हर कोई अपने खेतों और छतों पर सोलर पैनल लगवा रहा है बिजली को लेकर लोग काफी जागरूक हो रहे हैं सोलर पैनल वाकई एक तरह से जादुई काम कहता है. थोड़ी सी लागत और सब्सिडी के साथ हर कोई सोलर पैनल लगवा महंगी बिजली से छुटकारा पा रहा है ऐसा ही एक शख्स है लखनऊ का अजय, इन्होंने उत्तर प्रदेश में सोलर प्लांट पर मिल रही सब्सिडी और कम लागत के चलते बिजली बिल से राहत पाई है.

उत्तर प्रदेश में चल रही सोलर पंप पर सब्सिडी योजना के तहत लखनऊ के विक्रमखंड गोमती नगर में रहने वाले अजय जायसवाल ने अपने मकान की छतों पर सोलर पैनल लगवा बिजली बिल को ₹10000 कम करवा लिया अब उनका बिल सिर्फ 1800 रूपये ही आता है इस योजना के तहत अजय ने फ्री सोलर पैनल लगवा कर बिजली के भारी खर्चे से छुटकारा पा लिया है इन्होंने अपनी छत पर 7 किलोवाट का सोलर रूफ टॉप प्लांट लगवा लिया और जून माह में उनका बिजली बिल महज 1850 रुपए के आसपास रह गया है.

बिजली बिल का इतना कम आने का कारण उत्तर प्रदेश में चल रही सोलर प्लांट स्कीम है जिस पर सब्सिडी के साथ-साथ उपभोक्ताओं को अन्य सुविधाएं भी दी जा रहे हैं जिससे प्रोत्साहित होकर राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में लोग तेजी से सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं.

सोलर योजना पर मिल रही सुविधाएं

निजी आवासों पर लगाए जाने वाले सोलर रूफ टॉप संयंत्र पर नेट मीटरिंग की सुविधा प्राप्त होती है. संयंत्र से उत्पादित बिजली लाभार्थी द्वारा स्वयं उपभोग की जाती है जिससे विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा निर्धारित विद्युत यूनिट मूल्य की बचत होती है और उपभोग न करने की दशा में संयंत्र से उत्पादित बिजली स्थानीय ग्रिड में एक्सपोर्ट हो जाती है.

एलएमवी - 1 (घरेलू विद्युत उपभोक्ता) श्रेणी के लाभार्थी द्वारा सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाने से पूर्व नेशनल पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर पंजीकरण कराया जाना होता है तथा निर्धारित प्रकिया के अनुसार संयंत्र स्थापित कराने, विभिन्न वांछित अभिलेखों को अपलोड करने के बाद केन्द्रीय अनुदान लाभार्थी के बैंक खाते में प्राप्त होता है और राज्य सरकार का अनुदान भी लाभार्थी के खाते में यूपीनेडा द्वारा प्रदान किया जाता है.


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