फर्जीवाड़ा : दो कर्मियों ने करोड़ों की जमीन का रिकॉर्ड महिला के नाम चढ़ाया, फिर दे गए इस्तीफा

कौशल निगम के तहत लगे दो कर्मचारियों ने एक अधिकारी की आईडी का किया इस्तेमाल, फर्जीवाड़ा : निवर्तमान मेयर की शिकायत पर हुई जांच में सामने आया भ्रष्टाचार, डीएमसी को सौंपी जांच

फर्जीवाड़ा : दो कर्मियों ने करोड़ों की जमीन का रिकॉर्ड महिला के नाम चढ़ाया, फिर दे गए इस्तीफा
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हिसार। नगर निगम में कार्यरत हरियाणा कौशल निगम के दो कर्मचारियों ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की करोड़ों रुपये की जमीन का रिकॉर्ड एक महिला के नाम चढ़ा दिया। पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने मामले की शिकायत निगम अधिकारियों से की तो फर्जीवाड़ा सामने आया।

वहीं, खुद को फंसा देख दोनों आरोपी कर्मचारी इस्तीफा दे गए। उक्त कर्मचारियों ने एक अधिकारी की आईडी का इस्तेमाल कर यह फर्जीवाड़ा किया। फिलहाल निगम प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह जांच डीएमसी को सौंपी गई है। जांच में कई और मामले सामने आ सकते हैं।

निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना ने बताया कि उनका कोई जानकार एक दिन आया और बोला कि उसे सेक्टर में एक प्रॉपर्टी मार्केट से आधे रेट में मिल रही है। इस पर उक्त प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड मांगा। जब प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड देखा तो वे हैरान रह गए, क्योंकि यह वही प्रॉपर्टी थी, जिसे लेकर उन्होंने पहले भी निगम अधिकारियों से शिकायत की थी। उस दौरान सामने आया था कि यह एचएसवीपी की जमीन है और अवैध तरीके से किसी ने अपने नाम करवा ली है। निवर्तमान मेयर की शिकायत पर डीएमसी विरेंद्र सहारण ने मामले की जांच

की। इस दौरान सामने आया कि एमई कर्मपाल की आईडी के माध्यम से उक्त प्रॉपर्टी (1521 गज) के टैक्स रिकॉर्ड में एक महिला का नाम दर्ज किया गया है, जबकि पहले खुद डीएमसी ने ही उक्त महिला का नाम व मोबाइल नंबर प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड से हटवाया था।

जांच करने पर पता डाटा एंट्री ऑपरेटर अजय गोयत ने एमई की आईडी इस्तेमाल कर महिला का नाम टैक्स रिकॉर्ड में लिखा है। अजय गोयत को मेकर का कार्य दिया हुआ था। उसका कार्य प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड में मोवाइल नंबर दर्ज करना था। यह फर्जीवाड़ा सामने आने पर एमई कर्मपाल की तरफ से अजय गोयत को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। इसके

अलावा इसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संजय कौशिक का नाम भी संलिप्त मिला। खुद को फंसता देख शुक्रवार को दोनों कर्मचारी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे गए।

एफआईआर के लिए एचएसवीपी ने लिखा था पिछले वर्ष झज्जर निवासी एक व्यक्ति ने निवर्तमान मेयर से एक शिकायत की थी। इस शिकायत के माध्यम से उक्त व्यक्ति ने बताया था कि एक व्यक्ति कृष्ण ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके अवैध तरीके से प्रॉपर्टी आईडी अपने व अपने परिवार वालों के नाम करवाई हुई है। जब इसकी जांच की गई तो आरोप सही निकले थे। इस पर निगम ने इन सभी 6 प्रॉपर्टी के टैक्स रिकॉर्ड से प्रॉपर्टी मालिक व उसके मोबाइल नंबर को हटा दिया था।

कूड़े में गोलमाल, कैंट के सेना अफसर से मांगी रिपोर्ट

नगर निगम में कूड़े के गोलमाल मामले में शुक्रवार को निगम प्रशासन ने कैंट के एक सेना अधिकारी को बुलाया। इस दौरान इस मामले को लेकर उनसे बातचीत की गई और उनसे कुछ बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई। इसमें कैंट से प्रतिदिन कितना कचरा निकलता है, उस कचरे के निपटान की क्या व्यवस्था है, कौन सी एजेंसी इस कचरे का उठान करती है, कचरा उठान की एवज में उक्त एजेंसी को कितना भुगतान किया जाता है आदि बिंदु शामिल है। बता दें कि निगम की संयुक्त आयुक्त ने सूचना के आधार पर एक कचरे से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ा। जांच में सामने आया कि कैंट का कूड़ा निगम की डंपिंग साइट पर पहुंचाया जाता है और निगम के कचरे में जोड़कर रिकॉर्ड में दिखाया जाता है और फिर इस कचरे को प्रोसेस करने के पैसे भी निगम से ही वसूले जाते हैं। किसी को शक न हो इसके लिए एक दिन पहले ही ट्रैक्टर ट्रॉली भरकर निगम की नर्सरी में खड़ा कर दिया जाता था। फिलहाल इस मामले की जांच संयुक्त आयुक्त प्रीतपाल को सौंपी गई है।

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